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राष्ट्रीय शिक्षा नीति: आजादी के 75वें साल में लिखी जाएगी शिक्षा में बड़े बदलावों की कहानी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद अब सभी की निगाहें इसके अमल पर ही है। इनमें से मंत्रालय के नाम में बदलाव सहित कुछेक सिफारिशों पर अमल भी हो गया है, लेकिन इससे जुड़ी बड़ी सिफारिशों के अमल के लिए जो मुफीद समय तय किया गया है, वह साल 2022 होगा। उस समय पूरा देश आजादी के 75वें साल का जश्न भी मना रहा होगा।

शिक्षा मंत्रालय योजनाओं को अंतिम रूप देने में जुटा

शिक्षा मंत्रालय फिलहाल इससे जुड़ी योजनाओं को तेजी से अंतिम रूप देने में जुटा है। इस दौरान स्कूलों से लेकर उच्च शिक्षा और शिक्षकों से जुड़ी पढ़ाई में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इन कदमों से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की आस है।

इस बीच शिक्षा के क्षेत्र में जिन बड़े बदलावों को लागू करने की योजना पर काम किया जा रहा है, उनमें स्कूलों के लिए नया पाठ्यक्रम होगा। जिसमें कोडिंग और हुनरमंद बनाने जैसी विधाएं भी शामिल होगी। इसके साथ नई किताबें होगी, जिसका साठ फीसद हिस्सा क्लास रूम और बाकी चालीस फीसद हिस्से को ऑनलाइन पढाया जाएगा।

परीक्षाओं का होगा नया पैटर्न

परीक्षाओं का भी नया पैटर्न होगा। जो सबसे पहले दसवीं क्लास में लागू होगा। जबकि बारहवीं की क्लास में यह वर्ष 2024-25 से लागू होगा। फिलहाल इनमें से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार करने का काम शुरु हो गया है। नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क का काम इस साल के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

उच्च शिक्षा के लिए हायर एजुकेशन कमीशन का होगा गठन

उच्च शिक्षा में जिन बड़े बदलावों को आजादी के 75 वें साल में लागू करने की योजना है, उनमें उच्च शिक्षा के लिए एक हायर एजुकेशन कमीशन का गठन होगा। जिसके अधीन उच्च शिक्षा से जुड़े सभी संस्थान होंगे। इसके साथ ही शिक्षकों से जुड़ी शिक्षा को मजबूती देने के लिए बीएड़ के नए कोर्स शुरू होंगे।

जो स्नातक के साथ जुड़े होंगे। यानी बीए-बीएड, बीएससी-बीएड जैसे कोर्स शामिल होंगे। इसके साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने 75 वें साल में शिक्षा के क्षेत्र में जिन और कदमों के अमल की योजना पर काम कर रही है, उनमें प्री-प्राइमरी जैसी नई पहल भी है।

जिसे दो चरणों में लागू करने की योजना बनाई गई है। पहले चरण की शुरूआत वर्ष 22 से होगी। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक इन सभी योजनाओं को एक तय समयसीमा में लागू करने की योजना बनाई जा रही है। ताकि इनके रिजल्ट भी बेहतर मिल सके। इस बीच पुरानी नीति के अमल मे बरती गई खामियों को भी ध्यान में रखा जा रहा है।




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