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लापरवाही : गांव में गोठान और चारागाह होने के बावजूद खतरों के बीच NH किनारे गाय भैंस चरने को मजबूर

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन न्याय योजना के तहत जब योजना का उद्घाटन किया तो बड़े जोर सोर से सरकार ने इस योजना का प्रचार किया. वही गोठान निर्माण और चारागाह में चार गाह और रख रखाव के लिए लाखो रु खर्च किये गए, इतना ही नही मवेशियों के नियंत्रण और व्यवस्थापन के लिए राशि आंबंटित किया गया.

राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा रोका-छेका के प्रभावी अमल के लिए गौठान प्रबंधन समितियों को राशि जारी की गई है. शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना के तहत संचालित हर गौठान को 40 हजार रूपए दिए गए हैं.

गौठान प्रबंधन समितियों के माध्यम से खुले में घूमने वाले मवेशियों के नियंत्रण और व्यवस्थापन में यह राशि खर्च की गयी. खुली चराई को रोकने और फसलों की सुरक्षा के लिए गौठान की व्यवस्था को सशक्त बनाने, उनके रखरखाव और संचालन में भी इस राशि का उपयोग किया गया.

लेकीन इसके बावजूद भी गांव के पशुधन को इसका फायदा नही मिल पा रहा है. बसना जनपद अंतर्गत ग्राम सिंघनपुर में गौठान और चारागाह होने के बावजूद सैकड़ो की संख्या में गांव के गाय बैल राष्ट्रीय राज मार्ग किनारे चरते हुए देखा गया. सिंघनपुर में गोठान होने के बावजूद जब पशुधन को राष्ट्रीय राज मार्ग किनारे चरते हुए देखा गया तो चरवाहों से पूछने पर बताया गया गोठान ,में पशुओं को लाने के लिए मना किया गया है और गांव के मंडी में रखने कहा गया है. चरवाहों ने बताया गोठानो में बनाया जा रहा कम्पोस्ट खाद में बड़ी मात्रा मे मक्खियां पैदा हो रहा है, जो पशुओं को काटते है इसलिए भी भारी परेशानी पशुओं को होता है.

सिंघनपुर के सचिव सौभागिनी विशाल से जानकरी लेने पर बताया कि गोठान में पेड़ पौधे लगाया गया है जिनको पशु नुकसान पहुचाते है. जब सचिव से पूछा गया कि क्या पौधों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा घेरा नही लगाया गया है तो सचिव ने कहा कि बांस बल्लियों से सुरक्षा घेरा लगाया गया है फिर भी नुकसान पहुंचाते है इसलिए पेड़ पौधों के बढ़ने तक गोठान में लाने मना किया गया है.

कम्पोस्ट खाद में मक्खियां के बारे में पूछने पर कृषि विभाग से जानकारी लेकर मक्खियों को भगाने के किए दवाई की व्यवस्था करने की बात सिंघनपुर सचिव द्वारा कही गई है.

लेकिन क्या जब तक पेड़-पौधे बढ़ नही जाते क्या तब तक गोठान में पशुओं को जगह नही मिलेगा. ज्ञात हो कि इस समय खेतो में फसल लगने के कारण राष्ट्रीय राज मार्ग के किनारे ही सिंघनपुर में पशु चरते नजर आ जाएंगे.

बात यही खत्म नही होती राष्ट्रीय राज मार्ग में वाहनों का हमेशा आना-जाना लगा रहता है और कई बार चरवाहों के रहने के बावजूद पशु रोड के बीच बने डिवायडर के पास चले जाते है जिससे दुर्घटना की आशंका हमेशा बना रहता है.




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