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बाराडोली कराते व खेल साधना सभा छत्तीसगढ़ के द्वारा एकदिवसीय आत्मरक्षा शिविर का आयोजन

बाराडोली कराते व खेल साधना सभा छत्तीसगढ़ मंच के सदस्यों द्वारा आत्मरक्षा शिविर का आयोजन बाराडोली में किया गया।कार्यक्रम के मुख्य सूत्रधार काव्यसंसद साहित्य साधना सभा के सहसंस्थापक सुंदरलाल डडसेना"मधुर" रहे।

इस शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में पुखराज यादव प्राज(संस्थापक व अध्यक्ष काव्य संसद साहित्य साधना सभा),अध्यक्षता सुन्दर लाल डडसेना"मधुर"(सा.सा.सभा प्रांतीय सचिव) विशिष्ट अतिथि डिग्रिलाल लाल जगत (प्रांतीय उपाध्यक्ष)भोजराज साहू(प्रांतीय अध्यक्ष कराते शाखा),अक्षय कंवर(प्रांतीय सचिव कराते शाखा) रहे। मुख्य अतिथि पुखराज प्राज ने कहा कि जीवन में आत्मरक्षा के लिए कराते का महत्वपूर्ण स्थान है,कराते जीवन जीने की कला है।साहित्य साधना सभा के प्रांतीय सचिव सुन्दर लाल डडसेना"मधुर" ने कराते व खेल के व्यावहारिक ज्ञान व महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेल व कराते जीवन के अभिन्न अंग हैं,कराते से न केवल आत्मरक्षा की जा सकती है बल्कि स्वस्थ भी रहा जा सकता है।प्रांतीय अध्यक्ष भोजराज साहू ने कहा कि कराते एक जीवन कला है, वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए कम से कम बेटियों को स्वयं की रक्षा के लिए कराते सीखना बहुत जरूरी हो गया है,इसे पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाना चाहिए।


इस आत्मरक्षा शिविर में सेन्सेई भोजराज साहू व सेन्सेई अक्षय कंवर के द्वारा आत्म रक्षा की विशेष ट्रैनिंग दिया गया,साथ ही जीवन में कराते की उपयोगिता का विस्तार से वर्णन किया।इस आत्मरक्षा शिविर में कमलाकांत प्रधान, कमलेश निषाद,नीलाम्बर राणा, दयासागर बरिहा,खिरोद विश्वकर्मा,देवनारायण बरिहा,दयासिन्धु सेठ,जागेश्वर बरिहा,लालजी चौहान,चैतन छत्तरवाड़ा,ओमप्रकाश सेठ,संदीप कंवर,रिपन दास,सुशील राणा,सुमन बगर्ति, सत्यम सेठ,अमन चौहान,सुजल बाघ,सुमित बाघ,जय चौहान,हेमन्त रावत,चैतन प्रधान, सुनील,क्षमानिधि त्रिपाठी,रोहित डड़सेना,अभय बरिहा,अश्विनी,मुरली सारथी,ऋतुराज साहू,सुशील राणा,सौनक राणा व बाराडोली कराते व खेल साधना सभा छत्तीसगढ़ के पदाधिकारी समेत अन्य खिलाड़ियों ने भाग लिया साथ ही सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र भी प्रदान गया।




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