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महासमुन्द : पढ़ई तुहर दुआर की तर्ज पर कोचिंग तुहर दुआर कलेक्टर का शिक्षक अनुभव आ रहा बच्चों के काम 5000 से ज्यादा बच्चों को कोचिंग का मिल रहा सीधा लाभ

महासमुन्द जिले में पढ़ई तुहर दुआर की तर्ज पर कोचिंग तुहर दुआर शुरू हुई है। यह कोचिंग 1 मार्च से जिले के 40 जगह पर एक साथ शुरू की गई है। कक्षा 10 वीं व 12 वीं के 5000 से ज्यादा बच्चें कोचिंग तुहर दुआर का सीधा लाभ उठा रहे हैं। कलेक्टर डोमन सिंह का शिक्षक अनुभव बच्चों के काम आ रहा है। कलेक्टर  डोमन सिंह की विशेष पहल पर 10 वीं व 12 वीं के बच्चों के और बेहतर पढ़ाई और परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिए कोचिंग तुहर दुआर शुरू की गयी। कलेक्टर सिंह जरूरत के मुताबिक बच्चों को परीक्षा की तैयारी की टीप के साथ सवाल याद करने गुर भी बतायेंगे।मालूम हो कि कलेक्टर डोमन सिंह की सरकारी नौकरी की शुरुआत इसी महासमुंद जिले से शिक्षक के रूप में हुई थी। उन्होंने अपनी शिक्षक की सेवा पिथौरा विकासखंड के ग्राम सराईपाली से की। बाद में आगे की पढ़ाई के लिए यहां से चले गए। लेकिन जिले और बच्चों से नाता नहीं टूटा। राज्य शासन द्वारा नए साल में महासमुंद जिले का उन्हें कलेक्टर बनाया। तो उनका विशेष ध्यान बच्चों की और बेहतर पढ़ाई की ओर गया। क्योंकि कोविड के कारण बच्चों की पढ़ाई में बाधा आयी और अब परीक्षा भी नजदीक है। ऐसे में उन्होंने पढ़ई तुहर दुआर की तर्ज पर कोचिंग तुहर दुआर शुरू की। 

जिसका अभिभावकांे और बच्चों से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।कोचिंग तुहर दुआर जिले के 40 शिक्षा केन्द्रों और जरूरत के हिसाब से राजस्व कार्यालयों के सभाकक्षों में चलायी जा रही है। 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की बेहतर पढ़ाई के लिए विषय विशेषज्ञ शिक्षकों से गुणवत्ता युक्त शिक्षा 5000 से ज्यादा बच्चों को दी जा रही है। यह कोचिंग स्वैच्छिक है। पालकों की अनुमति प्राप्त होने पर ही यह कोचिंग बच्चें प्राप्त कर सकेंगे। कोचिंग में मास्क अनिवार्य किया गया है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन किया जाना अनिवार्य है। इसका उद्देश्य है कमजोर बच्चों का परीक्षा परिणाम बेहतर प्राप्त हो सके। विषय विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाने की व्यवस्था की गयी है। इस पर व्यय राशि जिला खनिज न्यास मद से दी गयी है।

यह कोचिंग विद्यालय संचालन समय के अतिरिक्त समय पर दी जा रही है। जिले की भौगोलिक स्थिति के आधार पर अध्यापन कार्य के लिए कोचिंग केन्द्र की संख्या महासमुन्द में 08 केन्द्र, बागबाहरा में 07 केन्द्र, पिथौरा में 11 केन्द्र, बसना में 07 केन्द्र, सरायपाली में 07 केन्द्र इस तरह कुल 40 केंदो में बच्चों को परीक्षा की तैयारी करायी जा रही है। पढ़ाई स्थापित किये गये है।





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