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विभागीय और तहसील परिसर के कायाकल्प में लगे कृषि अधिकारी डी. एस. तोमर....अब तलक लगा चुके हैं हज़ारों पेड़-पौधे...

पौधे हमारी जिंदगी हैं, जो हमें भोजन, हवा, पानी सब कुछ तो देती ही हैं उनकी सुंदरता मन को मोह लेती है। पर कुछ ही मुट्ठी भर लोग हैं जो सार्वजनिक हित मे सोचते है और इस गतिविधि में शामिल होने का प्रण लेते हैं। कल्पना कीजिए कि अगर पेड़ वाईफाई सिग्नल देते तो हम कितने सारे पेड़ लगाते, शायद हम पूरे धरती को वृक्ष से ढक देते, लेकिन बहुत दुख की बात है कि वे केवल ऑक्सीजन का सृजन करते हैं"। लेकिन महज गिनती के लोग होते हैं जिन्हें पर्यावरण से प्रेम होता है उनमें से एक नाम हैं अनुविभागीय कृषि अधिकारी डी.एस.तोमर...

एस.डी.एम. की अनुमति और स्वयं के खर्चे से करा रहे है वृक्षारोपण और परिसर का सौन्दर्यकरण...

सारंगढ़ तहसील परिसर जहां प्रतिदिन सैकडों ग्रामीण और कर्मचारियों का आना-जाना लगा होता है, अन्य तहसील के अपेक्षा मूलभूत सुविधा एवं छाया सन्तोषप्रद है परंतु सुंदरता की कमी हमेशा खलते रहती है। पीछे अनुविभागीय कृषि अधिकारी कार्यालय तो मानो किसी उजड़े खंडहर सा प्रतीत होता था..कूड़ा खदान और जर्जर भवन से तीन विकासखण्ड सारंगढ़, बरमकेला और सरिया के कार्य सम्पादित होते थे। 


इसी अवस्था मे लगभग सालों से कई अनुविभागीय कृषि अधिकारी आये और चले गए लेकिन किसी ने एक नल लगवाने तक नही सोचा और विभागीय कामकाज होते चला जा रहा था। ऐसे में अपने कार्यकाल के कुछ बचे महीने में श्री तोमर की पदस्थापना सारंगढ़ अनुविभाग होती है और उन्हें संवेदनशील एसडीएम श्री चौबे का साथ मिलता है तब शुरू होता है कायाकल्प का...
पहले शुरुवात अपने ऑफिस से करते हैं जहां सभी टूटे खिड़की-दरवाजों की मरम्मत हो या नल कनेक्शन वर्तमान में पुट्ठी और पेंटिंग कार्य हेतु ठेका।

खाली पड़े भूमि की खुदाई कर ले-आउट तैयार-

अपने कार्यालय के साथ श्री तोमर ने खाली पड़े मैदानों की स्वयं ले आउट तैयार कर स्वयं के खर्चे से मजदूर लगाकर आवश्यक खुदाई पूर्ण करा चुके हैं. बाहर से गोबर खाद एवं काली मिट्टी की ढुलाई की जा चुकी है एवं ठेकेदार से बात कर बाकी कार्यों हेतु मजदूरी की बात भी की गई है। विभागीय परिसर के बाद जल्द ही तहसील परिसर हेतु भी ले आउट तैयार करने की बात श्री तोमर ने बताई।

अशोक, पाम, सहित लगाए जाएंगे विभिन्न शोभायमान पौधे-

श्री तोमर ने बताया कि गड्ढों में पहले कीटनाशक,फफूंदनाशक का छिड़काव किया जाएगा तत्पश्चात गोबर की खाद एवं उपजाऊ मिट्टी की भराई की जाएगी उसके उपरांत अशोक सहित कई शोभायमान पौधे लगाए जाएंगे। जिससे हमारे ग्रमीणों और किसानों को परिसर सुंदर प्रतीत हो और पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता भी बढ़े।

अपने प्रत्येक पदस्थापना स्थल में करा चुके हैं वृक्षारोपण-

विभागीय सूत्रों से बात छन कर आ रही है कि श्री तोमर का पर्यावरण के प्रति प्रेम बचपन से ही रहा है, चाहे उनकी पदस्थापना डी डी ए ऑफिस रायगढ़ हो धरमजयगढ़ या फार्म में प्रत्येक जगह वृक्षारोपण करना उनकी एक आदत सी है। आज डी डी ए ऑफिस रायगढ़ की हरियाली भी उन्हीं की देन मानी जाती है। इसके अलावा जिले में कई अधिकारियों के बंगले में भी गार्डनिंग करने का श्रेय प्राप्त है।

पौधे लगाना आसान, बचाना मुश्किल-तोमर

डी इस तोमर ने सहयोग एवं मार्गदर्शन हेतु एसडीएम श्री चौबे और तहसीलदार तथा कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुवे कहा कि पौधे लगाना बड़ी बात नही है, अपितु उसे बचाकर बड़े करना बड़ी बात है। मैं कुछ दिन में रिटायर्ड हो जाऊंगा फिर भी बीच-बीच मे देखने आते रहूंगा, लेकिन हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम लगाये पौधों में कमसे कम 50% पौधों को जरूर बचायें।




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