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किताबों की होगी होम डिलीवरी...पाठ्य पुस्तकों का वितरण जुलाई माह के अंत तक

प्रदेश में नवीन शिक्षा सत्र 16 जून से प्रारंभ हो रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव को दृष्टिगत रखते हुए स्कूल भौतिक रूप से बंद है और विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। राज्य शासन की ओर से प्रतिवर्ष विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया जाता है। इस वर्ष यह तय किया जाएगा कि सभी पात्र विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उनके घरों तक पहुंचाकर दी जाए, जिससे उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने में कठिनाई न हो। सभी पात्र विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकों का वितरण जुलाई माह के अंत तक पूरा करने कहा गया है।

इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से पात्र विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें वितरण व्यवस्था के लिए संबंधितों को निर्देशित किया गया है। कहा गया है कि पाठ्य पुस्तक निगम की ओर से प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कक्षा 9वीं और 10वीं की पाठ्य पुस्तकें संबंधित स्कूल तक और कक्षा पहली से 8वीं तक की पुस्तकें संकुलों तक वहां की दर्ज संख्या के अनुसार पहुंचाई जाए। पावती लेकर ही स्कूलों और संकुलों को पुस्तकें प्रदान की जाए। कक्षा पहली से 8वीं की पाठ्य पुस्तकें संकुल प्रभारियों की ओर से संबंधित स्कूलों को उनकी दर्ज संख्या के आधार पर स्कूल के हेड मास्टर से पावती लेकर प्रदान की जाए। निजी स्कूलों को दी जानी वाली पुस्तकों की पावती भी पाठ्य पुस्तक निगम की ओर से संबंधित स्कूलों से अनिवार्य रूप से प्राप्त की जाए।

स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से यह भी निर्देशित किया गया है कि शासकीय और निजी दोनों प्रकार के स्कूलों की ओर से स्कूल में दर्ज विद्यार्थियों को उनके घरों पर ही पाठ्य पुस्तकें वितरित करने की पूरी योजना तैयार की जाए। स्कूल में पाठ्य पुस्तकें प्राप्त न होने के 15 दिन के भीतर सभी पात्र विद्यार्थियों के घर पहुंचाकर पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया जाए। पाठ्य पुस्तकों के वितरण की सूचना संबंधित ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय को लिखित रूप में दी जाए, जिससे यदि संबंधित पंच, सरपंच, वार्ड पार्षद विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक वितरण के समय उपस्थित रहना चाहे तो उपस्थित रह सके। पात्र विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें प्रदान करने के समय उनके पालकों से एक रजिस्टर में पावती अनिवार्य रूप से ली जाए। यह रजिस्टर संबंधित स्कूल में सुरक्षित रखा जाए और शाला प्रबंधन समिति एवं वरिष्ठ अधिकारियों के निरीक्षण के समय प्रस्तुत किया जाए।




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