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विश्व संस्कृत दिवस का वर्चुवल आयोजन रायगढ़ जिले मे, प्रवाहित हुई संस्कृतगंगा की धारा...

संस्कृत सप्ताह का हुआ वर्चुवल आयोजन

रायगढ़- संस्कृत गोष्ठी रायगढ़ मण्डलम् के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रावण पुर्णिमा 22अगस्त को संस्कृत दिवस का हर्षोल्लास के साथ वर्चुवल आयोजन प्रारंभ हुआ।

कार्यक्रम का प्रारंभ वीणादायिनी मां सरस्वती के मानसिक वन्दना कर शुभारंभ किया गया,तत्पश्चात वैदिक मंगलाचरण के पवित्र मंत्रो से यह कार्यक्रम गुन्जायमान हो उठा। संस्कृत प्रतिभागियो के द्वारा विविध संस्कृत विधाओं पर अपनी कलात्मक प्रस्तुति दी जिसमे सुभाषितानि सस्वर श्लोक वाचनम् , संस्कृत प्रहेलिका, विनोद कणिका, संस्कृत गीतम् , संस्कृत भाषायाः महत्वम् , लघु कथा, गीता पाठ,आदि विविध संस्कृताधारित विषयों पर रोचक प्रस्तुति दिये।

कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित आर पी आदित्य जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़, विशिष्ट अतिथि के रूप मे ठण्डाराम प्रधान जी,मुख्य अतिथि त्रिलोचन पटेल,एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष रतिराम पटेल थे। इस कार्यक्रम के उद्घोषक गणेशराम भगत व संजय कुमार गुप्ता संस्कृत के महत्ता को श्लोक सुक्तियों पर प्रकाश डालते हुये रोचक तरीके से सफलता पुर्वक संचालित किया।

कार्यक्रम के व्यवस्थापक आचार्य दिव्येश्वर शास्त्री, शशिकुमार स्वर्णकार, सरोज कुमार साहु थे। संस्कृत के विधाओं को कार्यक्रम मे प्रतिभागी के रूप मे भुमिसुता गुप्ता, नीलम देवांगन, चन्द्रकुमार चन्द्रा,डाॅ रामबाबु मिश्र, रीना सिंह, अनिता पाण्डेय, आशीष पाणीग्राही, पवन नायक, तृप्ति पण्डा, प्रेमलाल चौहान, क्षितेश्वर प्रधान, प्रवीण दास, सुशीला पटेल, अशोक गुप्ता, निरुपमा पाणिग्राही आदि ने बहुत ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया।

यह कार्यक्रम संस्कृत सप्ताह के रूप मे आयोजित होगा। संस्कृत हमारी प्राचीन भाषा,देवभाषा है।इसके संवर्धन एवं विकास प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। संस्कृत मे निहित ज्ञान, विज्ञान, आयुर्वेद, ज्योतिष, नक्षत्र, साहित्य, दर्शन आदि बहुमुल्य रत्नें है। विद्यालयों मे विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा का बोध केवल संस्कृत भाषा के ही माध्यम से हो रही है। संस्कृत भाषा के व्यापक स्तर पर विकास,संरक्षण,व प्रचार प्रसार अत्यावश्यक है। "संस्कृतिः संस्कृताश्रिताः" हमारी संस्कृति संस्कृत भाषा पर ही आश्रित है। "वसुधैव कुटुम्बकम" सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है ऐसी सकारात्मक एकता का बोध संस्कृत भाषा के माध्यम से ही होती है। "सर्वे भवन्तु सुखिनः" के भाव से समाज मे समरसता का भाव बिखेरती संस्कृत, सभी भाषाओं की जननी ही है। संस्कृत दिवस के वर्चुवल कार्यक्रम के आयोजन मे जिले के सभी संस्कृत व्याख्याता,अध्यापक,विद्यार्थी सैकड़ो की संख्या में शामिल हुये।

उक्त कार्यक्रम की जानकारी संस्कृत गोष्ठी रायगढ़ मण्डल के सदस्य ज्योतिराज पण्डा ने दी।




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