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बसना : प्रतिबंध के बावजूद शासकीय निर्माण में उपयोग हेतु लाया जा रहा अवैध लाल ईंट, सीईओ बोले जाँच करवाता हूँ.

हेमंत वैष्णव. छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा घुरवा और बारी के तहत छत्तीसगढ़ सहित महासमुंद जिले के कई ग्राम पंचायतों में इस योजना के तहत गौठान का संचालन किया जा रहा है, साथ ही साथ कई ग्राम पंचायतों में अभी भी निर्माण कार्य जारी है.

ग्राम पंचायतों में शासकीय जगहों को प्रस्तावित कर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 14वें वित्त मनरेगा मदों से गोठान निर्माण और चारागाह के लिए 20 से 30 लाख रु तक राशि जारी किया है. लेकिन इतने भारी रकम के बावजूद भी गोठान निर्माण के कार्य एजेन्सी ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव औऱ सरकारी इंजीनियर के देख रेख में हो रहे गोठान निर्माण में भारी लापरवाही बरता जा रहा है, हालांकि कलेक्टर द्वारा बैठकों में गोठान निर्माण को लेकर लापरवाही बरतने वालो पर सख्त कार्यवाही की बात भी कहते है लेकिन इसके बाद भी गोठान में खुले आम भ्रष्टाचार किया जा रहा है.
मामला बसना ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत बोहारपार का है, जहाँ के गोठान निर्माण कार्य में भारी गुणवत्ताहीन कार्य किया जा रहा है.

बसना से बोहारपर के राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे गोठान में पशुओं के लिए पानी पीने के लिए टंकियों का निर्माण किया जा रहा है लेकिन इन टंकियों का निर्माण में ब्रिक्स इटो के जगह मिट्टी के लाल इट का उपयोग किया जा रहा है.

बता दें कि पर्यावरण प्रदूषण को ख्याल में रखते हुए लाल इट पर पूरी तरह प्रतिबन्ध है इसके बावजूद छत्तीसगढ़ के सबसे महत्वकांक्षी योजना में खुले आम भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है.
गोठान में काम कर रहे मिस्त्रियों को पूछने पर बताया की इंजीनियरिंग भी देखने आए थे उन्होंने तो कुछ नही काहा आप कौन होते हो प्रतिबन्ध लगा है बताने वाले, वही मामले में ग्राम पंचायत बोहारपर के सरपँच भी मौजूद थे सरपँच ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

मामले में बसना जनपद सीईओ सनत महादेवा ने कहा कि जांच करवाता हूँ.




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