news-details

कार्रवाई ना होने पर ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में की शिकायत... फिर शिकायतकर्ताओं पर सरपंच ने दर्ज कारवाई एफआईआर.. लमकेनी में गौठान निर्माण को लेकर जारी है विवाद...

23 अक्टूबर को “प्रस्तावित भूमि को छोड़कर अन्य भूमि में बनाया जा रहा गौठान..... आपत्ति जताने पर जनपद सीईओ द्वारा ग्रामीणों को दी जाती है एफआईआर करने की धमकी....” के शीर्षक से सीजी संदेश डॉट पर खबर प्रकाशित किया गया था. जिसके बाद शिकायत करने वाले कुछ ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज हो ही गई.

यह शिकायत गाँव के सरपंच ने की है. सरपंच ने आरोप लगाया है कि गोठान बनाने की बात को लेकर घर में घुस कर उसकी पिटाई की गई. गाँव की सरपंच एक महिला है. मामले की शिकायत पर पुलिस ने सेतबाई यादव, प्रतिभा नाग, रत्ना भोई,  नमीबती यादव पर अपराध धारा 294-IPC, 323-IPC, 34-IPC, 452-IPC पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है. मामले की जाँच जारी है.

आपको बता दें कि 8 नवंबर को बसना ब्लाक में कलेक्टर जनदर्शन लगाई गई थी, पूर्व में भी शिकायत किये जाने के बाद कोई कार्रवाई ना होने पर जनदर्शन में ग्रामीण आवेदन देकर गुहार लगाने पहुंचे थे. जिसके करीब 3 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज हो गई.

गाँव के करीब 60 लोगों ने इस शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर कर कलेक्टर को आवेदन सौंपा था, जिनमे से कुछ महिलाओं पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है.

इधर ग्रामीणों ने सरपंच द्वारा की गई शिकायत को झूठ बताया है और किसी भी तरह के मारपीट होने से इंकार किया है.

आपको बता दें कि छत्तीसगढ शासन के योजना अनुसार ग्राम लमकेनी में गौठान का निर्माण किया जा रहा है जिसका विरोध किया जा रहा है, ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत लमकेनी में प्रस्तावित भूमि को छोड़कर अन्य भूमि में गौठान का निर्माण किया जा रहा है, सरपंच सहित कुछ लोगों द्वारा अपने निजी स्वार्थ के लिए बेजा कब्जा बचाने का प्रयास किया जा रहा है. जिनके ख़िलाफ कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत की गई थी.

ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम के बैठक में गोठान का निर्माण सुनिश्चित करके जिस स्थान का प्रस्ताव किया गया उस समस्त घास भूमि पर गॉव के दबंगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है. जिसमे सरपंच के परिवार के लोग भी शामिल हैं.

जिस भूमि के लिए ग्रामीणों द्वारा प्रस्ताव दिया गया था. उसे अब निरस्त करने का प्रयास उन लोगों द्वारा किया जा रहा है. जो गौचर भूमि के बड़े-बड़े भूभाग पर कब्जा किये हुए हैं, सक्षम किसान है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि अगर अवैध कब्ज़ा हटाना ही है तो सबका हटायें, अन्यथा यह केवल गरीबों के लिए अन्याय है और संविधान में हम गरीबों के लिए कोई जगह नहीं...


अन्य सम्बंधित खबरें