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अनचाहे गर्भधारण से बचने के लिए महिलाएं जो गर्भनिरोधक गोलियां खाती हैं, वो काम कैसे करती हैं?

प्रेग्‍नेंसी रोकने के लिए ज्‍यादातर महिलाएं गर्भनिरोधक दवाओं का इस्‍तेमाल करती हैं. अमेरिकी स्‍वास्‍थ्‍य एजेंसी CDC का कहना है, अगर गर्भनिरोधक दवाओं का इस्‍तेमाल सावधानी से किया जाता है तो ये 99.7 फीसदी तक प्रेग्‍नेंसी को रोकने में असरदार साबित होती हैं. पर कभी सोचा है कि यह दवाएं शरीर में पहुंचकर ऐसा क्‍या करती हैं कि महिलाओं में प्रेग्‍नेंसी रूक जाती है. जानिए यह कैसे काम करती हैं? 

 रिपोर्ट के मुताबिक, गर्भनिरोधक दवाओं में कृत्रिम स्‍टेरॉयड हार्मोन होता है. दवा के जरिए यह कृत्रिम हार्मोन गर्भवती महिला के शरीर में पहुंचने के बाद उनकी पिट्यूटरी ग्‍लैंड से निकलने वाले फॉलिकल-स्‍टीमुलेटिंग हार्मोन (FSH) और ल्‍यूटीनाइजिंग हार्मोन (LH) के असर को कम करता है. इससे प्रेग्‍नेंसी को रोकने में मदद मिलती है. 

ये दवाएं फॉलिकल-स्‍टीमुलेटिंग हार्मोन (FSH) और ल्‍यूटीनाइजिंग हार्मोन (LH) के काम करने की क्षमता को घटा देती हैं. ऐसा होने पर ओव्‍यूलेशन की प्रॉसेस रुक जाती है. आसान भाषा में समझें तो भ्रूण की नींव ही नहीं तैयार हो पाती है, इस तरह प्रेग्‍नेंसी वहीं पर रुक जाती है. इन दवाओं का इस्‍तेमाल करने के लिए कुछ सावधानियों को बरतना भी जरूरी है. 

हेल्‍थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, गर्भानिरोधक दवाएं लेने से पहले डॉक्‍टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. अगर आप डायबिटीज, किडनी, हार्ट या दूसरी बीमारी से जूझ रही हैं डॉक्‍टर्स को इसकी जानकारी जरूर दें. अगर कुछ समय पहले ही आपकी डिलीवरी हुई है और इन दवाओं को लेेने जा रही हैं तो भी डॉक्‍टरी सलाह जरूर लें. इससे इनके साइडइफेक्‍ट का खतरा कम किया जा सकता है.

बिना डॉक्‍टरी सलाह के गर्भनिरोधक दवाएं लेने पर कई तरह के साइडइफेक्‍ट दिख सकते हैं. जैसे- सिरदर्द होना, नींद न आना, थकान महसूस करना, मूड स्विंग होना, वजन बढ़ना और डिप्रेशन महसूस करना. अगर पहले से किसी बीमारी से जूझ रही हैं और बिना डॉक्‍टरी सलाह के ये दवाएं लेती हैं तो हार्ट अटैक, खून में थक्‍के जमना, हाई ब्‍लड प्रेशर और स्‍ट्रोक के रूप में साइडइफेक्‍ट दिख सकता है.





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