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CG : तेंदू पत्ता तोड़ने गए ग्रामीणों पर भालुओं ने किया हमला, एक ग्रामीण की मौत, इलाके में दहशत

बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया (Achanakmar Tiger Reserve Area) में भालू के हमले से बैगा आदिवासी की मौत हो गई। वह रविवार की सुबह अपने अन्य साथियों के साथ तेंदू पत्ता (Tendu leaves) तोड़ने जंगल गया था। इस दौरान वह पहाड़ियों में पहुंच गया। तभी अचानक तीन भालू आ गए और हमला कर दिया। वह भाग नहीं सका और भालुओं ने उसे मौके पर ही मार डाला। कोटा पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

जंगल में इन दिनों तेंदुपत्ता तोड़ने का काम चल रहा है। अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया में भी ग्रामीण इस काम में लगे हुए हैं। ग्राम कुरदर निवासी जवाहर बैगा रविवार की सुबह अपने अन्य साथियों के साथ तेंदुपत्ता तोड़ने जंगल गया था। घटना सुबह करीब 11 बजे की है। वह कोटा बफर परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 179 RF पश्चिम शिवतराई परिसर की पहाड़ियों तक पहुंच गया। वह तेंदुपत्ता तोड़ रहा था, तभी अचानक तीन भालू आ गए, जिसे देखकर दहशत में आकर ग्रामीण अपनी जान बचाकर भाग गए। लेकिन, जवाहर बैगा को भालुओं ने घेर लिया और हमला कर दिया। भालुओं ने जवाहर को मौके पर ही मार डाला।

जान बचाकर भागे ग्रामीणों ने वन विभाग को दी सुचना
जान बचाकर भागे ग्रामीणों ने इस घटना की जानकारी अन्य ग्रामीणों के साथ ही वन विभाग की टीम को दी। सूचना मिलते ही शिवतराई के परिक्षेत्र सहायक दिलीप कुमार द्विवेदी, परिसर रक्षक बसंत मानिकपुरी ग्रामीणों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। तब खून से लथपथ जवाहर बैगा (Jawahar Baiga) की लाश पड़ी थी। भालुओं ने उसे बुरी तरह नोच कर जख्म कर दिया था। उन्होंने अफसरों को इस घटना की जानकारी दी। कोटा पुलिस ने शव का पंचनामा व पोस्टमार्टम के बाद परिजन को सौंप दिया है।

परिजन को दी गई 25 हजार रुपए की सहायता राशि
वन विभाग के अफसरों के निर्देश पर नियमानुसार मृतक जवाहर बैगा के परिजनों को 25 हजार रुपए सहायता राशि दी गई। हालांकि जन हानि में अधिक मुआवजा देने का प्रावधान है। अफसरों ने बताया कि इसके लिए भी विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।

वन विभाग ने दी थी सतर्क रहने की चेतावनी
वन विभाग के अफसरों ने बताया कि तीन दिन पहले ग्रामीणों ने जंगल में भालू देखा, तब तेंदुपत्ता तोड़ने के लिए जाने वाले ग्रामीणों को उन्होंने सतर्क रहने की चेतावनी दी थी। खुद जवाहर बैगा ने भी रविवार की सुबह जंगल जाते समय अपने साथियों को भालू से सचेत रहने कहा था। लेकिन, वह खुद भालुओं के हमले का शिकार हो गया और उसकी जान चली गई।




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