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छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार 11 टन गांजा नष्ट कर उत्पन्न की जाएगी बिजली, करोड़ों रुपये है कीमत

गांजा नष्टिकरण के मामले के बारे में तो आपने कई दफा देखा और पढ़ा होगा. लेकिन बिलासपुर पुलिस ने इसके नष्टिकरण की नई तरकीब निकाली है. पुलिस करीब 11 टन गांजे को बायोमास प्लांट में जला रही है.

खास बात ये है कि पुलिस गांजे को जलाकर इससे बिजली उत्पन्न करेगी. संभवत: प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर पहली बार गांजे का नष्टिकरण किया जा रहा है. साथ ही पहली बार गांजे से बिजली उत्पन्न की जाएगी.

रतनपुर में सुधा बायोमास प्लांट में बिलासपुर पुलिस 11 टन गांजा का नस्टिकरण कर रही है. इसमें ड्रग डिस्पोजल समिति के अध्यक्ष बिलासुपर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी और बिलासपुर एसपी पारुल माथुर, कोरबा एसपी भोजराज पटेल सदस्य के रूप में शामिल हैं.

पुलिस द्वारा जब्त किया गए करीब 11 टन गांजे की कीमत करोड़ों में है. पुलिस ने अलग-अलग प्रकरणों में विभिन्न जिलों से इनकी जब्ती की है, जिसमें-

बिलासपुर में 171 प्रकरण
रायगढ़ से 145
कोरबा से 19
जांजगीर से 24
मुंगेली से 53
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से 45 प्रकरण.
इस तरह कुल मिलाकर 457 प्रकरण में करीब 11 टन गांजा जब्त किया गया है, जिसका नष्टिकरण किया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले भी करीब 9 टन गांजा का नस्टिकरण किया गया है.


बिलासपुर आईजी रतन लाल डांगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार है जब इतनी बड़ी मात्रा में गांजे को जलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ये छत्तीसगढ़ में पहला मामला होगा, जहां एक संभाग में इतनी बड़ी मात्रा में गांजे को नष्ट किया जा रहा है.

 आईजी ने बताया कि बिलासपुर रेंज के अलग–अलग जिलों में नशे के विरुद्ध लगातार कार्रवाई जारी है, जिसमें जब्त करीब 11 टन गांजे को आज बायोमास प्लांट में जलाया गया है. गांजे की कीमत करोड़ों में होगी.





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