news-details

मेरे अंदर देवी रहती है, और फिर बच्चे संग महिला ने तालाब में लगा दी छलांग...

छत्‍तीसगढ़ के कांंकेर जिला मुख्यालय गढ़िया पहाड़ के जोगी गुफा मंदिर के पास स्थित तालाब में डूबने से आठ माह के बच्चे व मां की मौत हो गई। गोताखोरों ने घंटों मशक्कत के बाद बच्चे के मां के शव को भी बाहर निकाल लिया है। 

मृतक महिला सेवती सिंहा पति रामचंद सिन्हा 38 वर्ष ग्राम तोलूम मानपुर निवासी है। मृतक बच्चे धर्मराज सिन्हा आठ माह का है। जो वर्तमान में कंकालिनपारा में रहते थे और उसका पति पुराने बस स्टैड़ में एक होटल में खाना बनाने का काम करता है। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच में जुट गई है।

29 जुलाई की अल सुबह एक आठ माह के मासूम बच्चे का शव जोगी गुफा के तालाब में तैरता हुआ दिखा जिसकी जानकारी वहीं जोगी गुफा के पुजारी ने पुलिस को दिया। जानकारी मिलते ही पुलिस विभाग से एसडीओपी चित्रा वर्मा और कोतवाली थाना प्रभारी शरद टीम लेकर घटनास्थल पहुंचे। 

जहां जोगी गुफा के पुजारी सिताराम वैष्णव ने पुलिस को बताया कि एक महिला 28 जुलाई की रात से ही अपने बच्चे के साथ जोगी गुफा मंदिर में पहुंची थी। जो रात भर वही मंदिर में ही बैठी रही।

सुबह जब पुजारी की नजर उस महिला पर पड़ी तो उसने महिला को मंदिर से जाने के लिए कहा। पर महिला ने पुजारी को मुझपर देवी मां का वास है मुझे यही रहने के लिए जगह दो कहा जिसके बाद पुजारी ने महिला से कहा कि यहां जगह नहीं मिल सकता तुम कही और चली जाओ कह कर पुजारी अपने काम में लग गया।

 कुछ देर बाद महिला अपने बच्चे के साथ वहां से गायब हो गई और उनका समान वही पर था जिससे पुजारी को अनहोनी होने की आशंका हुई। जिसके बाद पुजारी ने आसपास देखा तो वही तालाब में बच्चे का शव पानी में तैरता नजर आया। 

जिसके बाद पुजारी ने इसकी जानकारी पुलिस को दी, पुलिस मौके पर पहुंच बच्चे के शव को गोताखोर के मदद से बाहर निकाला है। पुजारी का कहना है कि महिला के बातचीत से उसकी मानसिक स्थित ठीक नहीं लग रहा था।

घुमने वालों ने तालाब में महिला को छलांग लगाते देखा
एसडीओपी चित्रा वर्मा ने बताया कि रोज सुबह घुमने वाले लोगों ने उस महिला को तालाब में छलांग लगाते हुए देखा है। उनके बताने पर हमने गोताखोरो के मदद से तालाब में सभी जगह सर्च कराया घंटो मशक्कत के बाद गोताखोरो ने महिला के शव को भी बाहर निकाला है।

मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी
महिला के पति रामचंद सिन्हा ने बताया कि उसकी पत्नी का कुछ सालो से मानसिक स्थिति ठीक नहीं था वह कुछ भी अपने से बड़बड़ाते रहती थी। 28 जुलाई की रात नौ बजे भी वह बड़बडाते हुए कहा कि मुझे कांकेश्वरी माता बुला रही है मैं जा रही हूं कहकर समान पकड़ कर दोनों बच्चों को लेकर गढ़िया पहाड़ की ओर जाने लगी, जिसके पीछे वह भी गया। 

वहीं नाके के पास थककर वह बैठ गया जिसके बाद उसका बड़ा लड़का वेद सिन्हा उसके पास वापस आ गया और छोटे लड़का को लेकर उसकी पत्नी आगे निकल गई। कुछ देर बाद वह भी गया तो उसकी पत्नी दिखाई नहीं दी।

 रात 12 बजे तक ढूंढता रहा पर उसके पत्नी और बच्चे का कोई पता नहीं चला जिसके बाद वह घर वापस कंकालिनपारा आ गया और सुबह अपने आस पडोस के साथ फिर वह उसे ढूंढने के लिए गया तो उसे बता चला कि उसकी पत्नी और बच्चा दोनों तालाब में डूब गए है।




अन्य सम्बंधित खबरें