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पिथौरा : शिकायतकर्ता ने जांच अधिकारियों पर लगाया मेट, रोजगार सहायक और सचिव को बचाने का आरोप

मामला जनपद पंचायत पिथौरा अंतर्गत ग्राम पंचायत चनौरडीह का

जनपद पंचायत पिथौरा अंतर्गत ग्राम पंचायत चनौरडीह में ग्राम पंचायत के मेट रूपेश बारीक रोजगार सहायक आशिक नंद सचिव सुकलाल छत्रर सहित सरपंच द्वारा महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत विभिन्न कार्यो में फर्जी मस्टररोल बनाकर लाखों रुपये की राशि आहरण कर गबन की शिकायत पूर्व जनपद सदस्य पूर्णचंद दीप द्वारा कलेक्टर महासमुंद से किया गया था। जिस पर जनपद पंचायत पिथौरा के 3 सदस्यीय जांच टीम उपअभियंता हिमाशु पांडे, सहायक विस्तार अधिकारी लोकेश कुमार नवरंगे और मोतीलाल बालेकर द्वारा 18 अगस्त 2022 जांच किया गया, जिसमें शासकीय दस्तावेज उपलब्ध नही होने कारण जांच को अधूरा बताया गया। 

छत्तीसगढ़ संदेश में 14 सितंबर को 'मुंबई में रहने वालों के नाम पर फर्जी मस्टररोल भरकर किया आहरण, जांच टीम पर भ्रष्टाचारियों को बचाने का आरोप' शीर्षक से समाचार प्रकाशन के बाद जनपद सीईओ सनत महादेवा द्वारा जांच टीम को पुनः 20 सितंबर को जांच के निर्देश दिये। जिसमे जांच टीम द्वारा ग्राम पंचायत भवन चनौरडीह में लगभग 3 बजे पहुंचकर शिकयकर्ता, मेट, रोजगार सहायक, सचिव और ग्रामीणों के समक्ष जांच कार्यवाही शिकायत के आधार पर बिंदुवार की गई।

इस दौरान शिकायतकर्ता और मेट दोनों पक्षों में काफी बहस हुई। बीच में कई बार माहौल गर्म होने के कारण अधिकारीयों को समझाना पड़ा। जांच के दौरान मनरेगा मजदूरों में सुकांति पति सत्यनारायण, नोहर बाई पति राजिम, जगत पिता रामप्रसाद, अमरबेल पिता पुरान, रविशंकर विशाल पिता मुक्ति, जयराम पिता नंदू सहित 25 मजदूरों ने 1 से 7 सप्ताह का मजदूरी निजी डबरी सहित विभिन्न कार्यो में अब तक मजदूरी भुगतान नही मिला है बताया गया। शिकायत कर्ता पूर्णचंद तांडी ने अधिकारियों को अपने बयान में बताया कि मेट रूपेश बारीक पिता राजकुमार बारीक द्वारा अपने परिजन पत्नि अंजू बारीक, पिता राजकुमार बारीक, बड़े भाई मोहित बारीक, भाभी सविता बारीक चाचा सुरेश बारीक, चाची सुरुचि बारीक, भाई मुकेश बारीक एवं बहु भाग्यश्री सहित दूसरे व्यक्ति ज्ञानेश, विजया, लक्ष्मीनारायण, पदमलया, नरेश, जानवी, सुरेश, सुरुचि सहित दर्जनों लोगों सहित गांव के बाहर मुंबई रहने वाले मुकेश बारीक एवं भाग्यश्री बारीक के नाम पर फर्जी मस्टरोल भरकर लाखों रुपये की राशि का आहरण कर फर्जीवाड़ा किया है। जबकि मेट द्वारा अपने परिजनों द्वारा कार्य करना बताया गया।

इस संबंध में जांच अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों का लिखित में पंचनामा बनाकर बयान भी लिया गया। जबकि मेट रूपेश बारीक रोजगार सहायक आशिक नंद और रोजगार सहायक लिखित में अपना बयान जांच अधिकारियों को दिया। शिकायत कर्ता पूर्णचंद तांडी ने जांच में असंतोष जाहिर करते हुए जनपद पंचायत पिथौरा के जांच अधिकारियों पर मेट, रोजगार सहायक और सचिव का बचाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 20 सितंबर को दोपहर 1 बजे जांच की सूचना जनपद पंचायत पिथौरा द्वारा रोजगार सहायक के माध्यम से उसी दिन 20 सितंबर के सुबह 8 बजे दिया गया। जिसमे 20 सितंबर को दोपहर 01 बजे ग्राम पंचायत भवन में जांच हेतु निर्धारित तिथि एवं समय मे अनिवार्य रूप उपस्थित होने सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए समय पर उपस्थित नही पर स्वमं की जिम्मेदारी होगी कहा गया था। जबकि जांच की सूचना ग्राम पंचायत द्वारा ग्रामीणों को नही दी गई थी।

ग्रामीणों साथ निर्धारित समय 01 बजे पहुंच गये थे। लेकिन पंचायत भवन में ताला लगा हुआ मिला। आखिरकार 2 बजे बाद पंचायत भवन खोला गया और जांच अधिकारी लेटलतीफी करके 3 बजे पहुंचे जिससे ज्यादातर ग्रामीण मनरेगा मजदूर वहां से वापस चले गये। जांच के दौरान मेट रूपेश बारीक द्वारा अपने परिजनों एवं जिनके नाम पर फर्जी मस्टररोल भरा गया था जिनके ऊपर आरोप लगा हुआ है उन्ही लोगों ने फर्जी नही हुआ करके जांच पंचनामा में हस्ताक्षर किया गया। चूंकि उनकी संख्या ज्यादा थी। इस प्रकार जांच अधिकारियों द्वारा जांच को प्रभावित किया गया। जांच से हम संतुष्ट नही है। जनपद पंचायत द्वारा हमेशा ही बचाने का प्रयास किया जा रहा जिस पर जिला टीम पुनः निष्पक्ष रूप जांच करवाने की अपील की गई है।

"इस मामले में पूर्व में जांच की गई थी। जिससे शिकायतकर्ता संतुष्ट नही थे और उनके द्वारा जांच हेतु पुन: आवेदन दिया गया था। जिसके बाद पुनः शिकायतकर्ता, मेट रोजगार सहायक, सचिव और ग्रामीणों का बयान लिया गया है। दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारीयों को सौंप दी जावेगी। साथ ही बताया कि बरसात के वजह से निर्धारित समय नही पहुंच पाना बताया।"
         
- हिमांशु पांडे, मुख्य जांच अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा




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