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बसना : लोक शिक्षण संचालनालय को जानकारी दिए बिना ही 41 शिक्षकों के नाम हुआ करोड़ो का एरियर्स भुगतान, संचालक ने माँगा स्पष्टीकरण.

बसना विकासखंड के शिक्षा विभाग में पदस्थ 41 शिक्षक शासन को चुना लगाने से कहीं भी बाज नहीं आ रहे हैं. वर्ष 2007 में बर्खास्त हुए ये 41 शिक्षक शासन को करोड़ो का चुना लगाने की तैयारी कर चुके हैं,  जिसके लिए विभागीय आदेश भी जारी हो गया है.

बसना विकासखंड शिक्षा अधिकारी के साथ संभागीय सयुक्त संचालक रायपुर संभाग की भूमिका भी इसके अब संदिग्ध हो गई है, शिकायत के बावजूद इन्होने लोक शिक्षण संचालनालय को जानकारी दिए बिना 41 शिक्षकों के नाम पर 1 करोड़ 24 लाख रूपए के एरियर्स राशि का भुगतान करने हेतु चेक जारी करने का आदेश जारी कर दिया. जिस अवधि में यह एरियर्स राशि का भुगतान किया जा रहा है उस अवधि में प्राप्त इन शिक्षकों की स्वीकृत असाधारण अवकाश नियम के विरुद्ध है. जिसकी शिकायत की गई थी.

शिकायत के बाद 41 शिक्षकों से साठ-गांठ कर इन्होने बिना जाँच एरियर्स राशि भुगतान करने हेतु आदेश जारी कर शासन को करोड़ों का चुना लगाने का काम किया है.

आपको बता दें कि जिन शिक्षकों के एरियर्स का भुगतान इन्होने किया है. उन्हें वर्ष 2007 में नियम के विरुद्ध नियुक्त होने के कारण नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया था. जिसके बाद ये 41 शिक्षक वर्ष 2015 तक की अवधि में सहायक शिक्षक पंचायत के पद पर पदस्थ नहीं थे. वर्ष 2015 में इनकी दुबारा नियुक्ति हुई. लेकिन आज भी ये शिक्षक वर्ष 2007 में नियुक्ति होने का लाभ उठा रहे हैं.

ये शिक्षक वर्ष 2007 में अपनी नियुक्ति दिखाकर 7 वर्ष 10 माह से भी अधिक समय का असाधारण अवकाश का लाभ ले रहे हैं. जबकि नियम के अनुसार शासकीय सेवकों को किसी विशेष परिस्थिति में 5 वर्ष तक की अवधि का ही असाधारण अवकाश दिया जा सकता है.

ऐसे में इन शिक्षकों को जो एरियर्स राशि का भुगतान किया जा रहा है. वह नियम के विरुद्ध है. संभागीय सयुक्त संचालक तथा बसना विकासखंड शिक्षा अधिकारी इस मामले को जानकारी रखने के बावजूद लोक शिक्षण संसथान को बिना बताये इनकी नियुक्ति 2007 मानकर एरियर्स राशि का भुगतान करने आदेश जारी कर दिया.  जहाँ एक तरफ शिक्षा विभाग के अधिकारी जो बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं, ज्ञान देते हैं वही भ्रष्टाचार करने में जुटे हुए हैं.

विकासखण्ड अंतर्गत कई ऐसे स्कूलों के भवन जर्जर अवस्था में हैं, जिसकी सुध नहीं ली जा रही. लेकिन अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति हेतु ये अधिकारी नियमों को दरकिनार करते हुए करोड़ों रुपये के एरियर्स राशि का भुगतान कर रहे हैं.

इन शिक्षकों को समय से पहले संविलियन कर पदोन्नति देना, इसके बाद शासन की आँखों में धुल झोंकते हुए करोड़ों रूपये की एरियर्स राशि के भुगतान हेतु आदेश जारी करना, सवालों के घेरे में है कि कुछ अधिकारी ही इस करोड़ों रुपये को गबन करने की नियत से ऐसा कर कर रहे हैं.

पूर्व में मामला प्रकाश में आने के बावजूद ये अधिकारी अपने हरकतों से बाज नहीं आये जिसके चलते लोक शिक्षण संचालनालय ने संभागीय सयुक्त संचालक को 6 नवम्बर को 3 दिवस के भीतर स्पष्टीकरण माँगा है.

विभाग ने विकासखंड बसना के 41 शिक्षको के विरुद्ध की गई शिकायत की प्रति भेजकर,  जॉच कर जाँच-प्रतिवेदन अनिवार्यत 7 दिवस के भीतर भेजने हेतु निर्देशित किया था. लेकिन संभागीय सयुक्त संचालक द्वारा उच्च कार्यालय को जॉच-प्रतिवेदन बिना भेजे शिकायतकर्ताओं का बयान सुने बिना ही  उच्चाधिकारी के आदेश को पूरी तरह दरकिनार करते हुए बसना विकासखंड के 41 सहायक शिक्षकों (एल.बी.) का संविलियन आदेश दिनांक 01-07-2018 से मान्य करने का आदेश जारी कर दिया.

साथ ही विकासखंड शिक्षा अधिकारी बसना ने आनन-फानन में उक्त सहायक शिक्षकों को करोड़ों रूपयों का एरियर्स भुगतान भी करा दिया. और एरियर्स भुगतान करने के पश्चात भी संचालनालय को कोई लिखित या मौखिक जानकारी नहीं दी.




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