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सरायपाली : हितग्राहियों को कम चावल वितरण करने वाले विक्रेता एवं संचालन एजेंसी पर कार्रवाई, एक वर्ष तक दुकान निलंबित.

गरीबों के राशन पर डाका डालने वाले विक्रेता एवं संचालन एजेंसी पर अनुविभागीय अधिकारी सरायपाली ने जाँच के बाद कल कार्यवाही करते हुए उसका राशन दूकान एक वर्ष तक निलंबित कर दिया है.

बसना, सरायपाली क्षेत्र के कई गाँव से कम राशन मिलने की शिकायत ग्रामीणों द्वारा की जा चुकी है, लेकिन ऐसे ही कई शिकायतों पर खानापूर्ति कर मामले को दबा दिया गया, मुफ्त में गरीबों को मिलने वाला राशन किसी माध्यम से इनकी जेबों में चला गया.

कई गाँवों में आज भी कितने किलों चावल का वितरण हितग्राहियों को किया जाना है इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है, जिसका फायदा प्रमुख रूप से विक्रेता व संचालक को मिलता है. हलाकि की कुछ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ हितग्राहियों को मिलने वाले राशन की जानकारी राशन दुकान पर चस्पा भी किया गया है. लेकिन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत गरीबों को मिलने वाले मुफ्त राशन में एक बड़ा घोटाला कहीं ना कहीं जरुर किया गया है.

अनुविभागीय अधिकारी सरायपाली हेमंत नंदनवार ने 15 फरवरी को जाँच के बाद सरायपाली के उचित मूल्य दूकान लांती को तत्काल प्रभाव से 1 साल के लिए निलंबित कर दिया है. चावल के कम वितरण की शिकायत पर ऐसी कार्यवाही अत्यंत ही कम देखने को मिली है.

दरअसल, लांती के शासकीय उचित मूल्य की दुकान में विक्रेता भोजराज साहू ने हितग्राहियों को पात्रता के अनुसार चावल का वितरण ना कर उससे कम चावल का वितरण किया साथ ही शक्कर की राशि हितग्राहियों से 20 रूपये ली गयी. इतना ही नही विक्रेता भोजराज साहू ने राशनकार्ड और ऑनलाइन में फर्जी प्रविष्टि कर राशन का वितरण नहीं किया. जो कि जाँच में सही पाया गया.

जाँच सही पाए जाने से विक्रेता भोजराज साहू व समिति प्रबंधक पर अपने उत्तर दायित्व के निर्वहन में घोर लापरवाही बरते जाने के कारण शासकीय उचित मूल्य की दुकान लांती को निलंबित कर दिया गया.

इसके पहले भी बसना नगर पंचायत के अंतर्गत कन्या शाला के सामने स्थित शहरी शासकीय उचित मूल्य की दुकान में सेल्समैन द्वारा घर-घर जाकर हितग्राहियों से फिंगर प्रिंट लेकर दो माह का चावल गबन कर दिया गया था. जिसपर खाद्य अधिकारी ललिता शर्मा ने कार्यवाही किये जाने की बात कही थी. इस समय यह भी बात सामने आई थी कि सेल्समैन ने 19 लाख रूपये भी जमा नहीं किये थे, हलाकि इस पर की गयी कार्यवाही कभी समाने नही आ पाई. यह भी कहा जा सकता है कि सिद्धांतों के साथ समझौता कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया. यह मामला लगभग 9 महीने पूर्व अप्रैल 2022 का है.




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