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विधान सभा में बड़ा फैसला : छत्तीसगढ़ के विधायकों का बढ़ा पेंशन और वेतन भत्ता, विधेयक सर्वसम्मति से पारित, अब पूर्व विधायकों मिलेंगे 58 हजार

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधान सभा में बड़ा फैसला लिया गया है, पूर्व विधायकों का वेतन भत्ता बढ़ गया है। बजट सत्र के 13वें दिन विधायकों का वेतन भत्ता पेंशन संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया गया। जिसमें राज्य के पूर्व विधायकों के पेंशन और यात्रा भत्ते में बढ़ोत्तरी की गई है। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे द्वारा लाए गए इस विधेयक में पूर्व विधायकों की पेंशन 35 हजार रुपए से बढ़ाकर 58,300 रुपए किया गया है।

विधानसभा में आज संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया था, जिस पर बुधवार को चर्चा हुई। इस विधेयक में पूर्व विधायकों को टेलीफोन और अर्दली भत्ता देने का प्रस्ताव है। विधेयक के मुताबिक पूर्व विधायकों की पेंशन 35,000 रुपये से बढ़ाकर 58,300 रुपये की जाएगी।

 


विधेयक के मुताबिक पूर्व विधायक अपनी सदस्यता के पहले कार्यकाल (पांच वर्ष से अधिक कार्यकाल) के बाद प्रत्येक एक वर्ष के लिए प्रति माह एक हजार रुपए की अतिरिक्त पेंशन पाने का भी हकदार होगा। विधेयक में कहा गया है कि प्रत्येक मौजूदा सदस्य रेलवे/हवाई यात्रा के लिए मौजूदा आठ लाख रुपये प्रति वर्ष के बजाय 10 लाख रुपये प्रति वर्ष का भत्ता पाने का हकदार होगा। इसी तरह पूर्व विधायकों के लिए यह भत्ता चार लाख रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति वर्ष किया जाएगा।

इसके अलावा पूर्व विधायक टेलीफोन भत्ता के लिए 10 हजार रुपए और अर्दली भत्ता के लिए 15 हजार रुपए पाने का हकदार होगा। अधिकारियों ने बताया पहले पूर्व सदस्यों के लिए टेलीफोन और अर्दली भत्ते का कोई प्रावधान नहीं था।उन्होंने कहा कि पेंशन और भत्तों में वृद्धि से राज्य के खजाने पर लगभग 16.96 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक बोझ पड़ने की संभावना है।विधानसभा में पिछले वर्ष जुलाई माह में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में वृद्धि के लिए विधेयक पारित किया था, जिससे राज्य के खजाने पर 6.81 करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ पड़ा था। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सदस्य हैं।






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