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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायपाली में विश्व क्षय रोग (टीबी)दिवस मनाया गया

स्वर्गीय मोहनलाल चौधरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायपाली में 24 मार्च 2023 को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया गया।                          

जिसमे डॉक्टर बी बी कोसरिया द्वारा बताया गया कि टीबी बिमारी माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होता है जिसका खोज 24 मार्च 1882 को जर्मनी के डॉ रॉबर्ट कोच के द्वारा किया गया था इसीलिए इस दिवस को क्षय रोग दिवस के रूप मे मनाते हैं ।टीबी का इलाज डॉटस पद्धति से किया जाता है जिसमें रोगी 6 माह में पूर्ण स्वस्थ हो जाता है इस वर्ष 2023 का थीम है "हां हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं" टीबी एक संक्रामक बिमारी है जिसका प्रमुख लक्षण शाम को बुखार आना , पसीना आकार बुखार उतर जाना, भूख ना लगना, वजन में कमी होना, खून के साथ बलगम निकलना इत्यादि प्रमुख है यह बिमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है आगे खंड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी टी आर धृतलहरे ने बताया की भारत सरकार के द्वारा 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है टीबी रोग को क्षय रोग व तपेदिक के नाम से भी जाना जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ शरीर का क्षरण होना होता है। टीबी से ग्रसित व्यक्ति के खांसने, छिंकने व जगह जगह थूकने से यह एक दूसरे में फैलता है । बीपीएम शीतल सिंह ने बताया कि टीबी के संक्रमण से बचने के लिए हमें मास्क का प्रयोग करना चाहिए तथा उचित अंतराल में हाथ को धोते रहना चाहिए व पौष्टिक भोजन को डाइट में शामिल करना है ।

क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के लैब पर्यवेक्षक राम प्रकाश चौधरी एवं डॉट्स पर्यवेक्षक रूप चंद साहू ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति यदि समय पर इलाज नहीं कराता है तो एक साल में 5 से 10 स्वस्थ व्यक्ति को टीबी फैला सकता है शासन के द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को प्रति माह ₹500 की राशि प्रदान किया जाता है।




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