बसना : थाने के बाहर पुलिस के जवान ने संदिग्ध को सरेआम जमकर लगाया थप्पड़, सहम गए देखने वाले....
कल 15 सितम्बर को बसना पुलिस के एक जवान ने थाने के बाहर सरेआम एक संदिग्ध व्यक्ति को जमकर थप्पड़ रसीद कर दी. सरेआम पुलिस वाले की इस क्रूरता को देखकर आसपास के लोग भी सहम गए. और इसकी निंदा भी की. शायद अपनी ऐसी हरकद दिखाकर पुलिस का उक्त जवान आसपास के लोगों में अपना रौब दिखाना चाहता था. लेकिन ऐसा कर उसने पुलिस की सारी इज्जत लोगों की नज़रों में मिटटी में मिला दी. वैसे तो पुलिस लोगों के बीच सामुदायिक पुलिसिंग कर लोगों से अपना डर ख़त्म करने की बात कहती है, लेकिन ऐसी क्रूरता देख लोग वापस से सहम जाते हैं और चर्चाएँ करने लगते हैं ना जाने थाने के अंदर पुलिस क्या-क्या करती होगी.
दरअसल कल सुबह करींब 11:20 बजे बसना थाना के बाहर किसी संदिग्ध के इंतज़ार में बसना पुलिस के तीन से चार जवान खड़े थे. इसी दौरान एक लाल काले कलर की बाइक में सामने काले कलर का बैग रखकर मुह में स्कार्फ बांधे एक युवक बसना थाना के सामने से गुजरा, जिस समय यह युवक गुजर रहा था उसकी रफ्तार करीब 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा रही होगी. लेकिन पुलिस ने इसे सामने से ना रोक इसे थोड़ी दूर जाने दिया और थाने से करीब 100 मीटर की दूरी ठीक मंडी चौक में उक्त युवक की बाइक पीछे से पकड़कर उसे रोक लिया और उसे थाने लेकर आने लगे.
उक्त युवक को पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर आसपास के लोग इसे देख पुलिस की तारीफ कर रहे थे, कि थाने के अन्दर से एक जवान बाहार निकलकर सरेआम उक्त युवक को जोरदार तमाचा जड़ दिया, यह तमाचा इतना जोरदार थे कि इसे देखकर आसपास के लोग सहम गए और उस जवान से ऐसा कर पुलिस की सारी इज्जत देखने वालों की नज़रों में धुल में मिला दी.
जब कानून के रखवाले ही सरेआम लोगों के सामने ऐसी हरकतें करेंगे तो कानून व्यवस्था का क्या होगा ? पुलिस ने किसी संदिग्ध को पकड़ा उसकी तलाशी ली, कार्यवाही की, यहाँ तक तो सही है लेकिन कौन इन रखवालों को कानून हाथ में लेकर सरेआम किसी को मारने की इजाजत देता है. सजा सुनना तो अदालत का काम है, क्या कानून तोड़ने वाले इस पुलिस के जवान पर कार्यवाही होनी चाहिए, ताकि लोगों के बीच कानून का रक्षक बन लोगों को रौब दिखाने वालों पर भी कानून और न्याय व्यवस्था का डर बना रहे.