
महासमुंद : जिले के निलंबित 72 नर्सेज अभी तक बहाल नहीं, अस्पतालो में हो रही मरीजों को परेशानी
राजधानी समेत अनेक जिलों में डेंगू, डायरिया जैसे महामारी का प्रकोप, कार्य के लिए नही है कर्मचारी
आर एच ओ के कार्य पर लौटने से राष्ट्रीय कार्यक्रम बहाल हुई
छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन द्वारा 21 अगस्त 2023 से 14 सितंबर 2023 तक अनिश्चितकालीन हड़ताल किया गया, जिसमें प्रदेश भर के चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, नर्सिंग ऑफिसर, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (RHO) हजारों की संख्या में शामिल हुए। जिले में 350 से अधिक RHO के वापस आने से स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय कार्यक्रम तो बहाल हो गई है जिसमे टीकाकरण , मिशन इंद्रधनुष , शिशु संरक्षण कार्यक्रम अब बहाल हो गई है लेकिन हड़ताल के दौरान एस्मा कानून का हवाला देकर प्रदेश के अनेक जिलों में हजारों कर्मचारियों के ऊपर बर्खास्तगी और निलंबन जैसी कार्रवाई की गई किंतु हड़ताल समाप्ति पश्चात अभी तक कर्मचारियों की बहाली ना होने से स्वास्थ्य सेवाएं भी बहाल नहीं हो पाई है ।
राजधानी समेत अनेक जिलों में डेंगू और डायरिया जैसे महामारी अपना पैर पसार रहे हैं किंतु कर्मचारियों की कमी के चलते आम ग्रामीण जनता को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भटकना पड़ रहा है। हेल्थ फेडरेशन का हड़ताल तो खत्म हो गया है किंतु कर्मचारियों की बहाली नहीं होने से स्वास्थ्य व्यवस्था अभी तक बहाल नहीं हो पाई है.
महासमुंद जिले में 72 नर्सों के निलंबन से आईपीडी के मरीजों को बहुत ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ज्ञात हो स्टाफ नर्स द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में सेवाएं दी जाती है ,जिनके कारण नर्सिंग कार्य भी पूरी तरह प्रभावित हो रहे हैं ।महासमुन्द जिले से 72 स्टाफ नर्स को निलंबित किया गया था । मुख्यमंत्री के आश्वासन के साथ स्वास्थ्य फेडरेशन के हड़ताल समाप्ति होने के बावजूद भी विभागीय अधिकारियों के उदासीनता के कारण जो बहाली में देरी हो रही है इसका खामियाजा आम ग्रामीण जनता को भुगतना पड़ रहा है। आगे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कब तक स्वास्थ्य व्यवस्था और कर्मचारियों को कब बहाल करते है ।