news-details

बसना मे जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा निकाली गई

बसना नगर सहित क्षेत्र के ग्रामों में जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा अत्यंत हर्षोल्लास के साथ निकाली गई।

बता दें कि बसना श्रीराम जानकी मंदिर मे दिन भर विशेष पूजन अनुष्ठान का दौर चलता रहा ।

मध्याह्न 12:30बजे से 2बजे तक जगन्नाथ महाप्रभु जी का भोगप्रसाद भण्डारा के रूप मे मंदिर परिसर में नगर व क्षेत्र वासियों को भोजन प्रसाद वितरण किया गया ,जिसमे सैकड़ों श्रद्धालुओ ने भगवान जगन्नाथ महाप्रभु जी का प्रसाद ग्रहण कर तृप्त हुए।

अपरान्ह 3 बजे से संध्या 4:30बजे तक विशेष पूजन पश्चात् भगवान जगन्नाथ महाप्रभु, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा को विधिवत रथ मे शंख घंट एवं झांझ मृदंग की थाप मे गाहक बाहक एवं श्री राम जानकी मंदिर समिति सदस्यों की उपस्थिति में रथ का परिक्रमा कर आरूढ कराये गया।

आतिशबाजी, पुष्पवर्षा एवं जय जगन्नाथ महाप्रभु की जयघोष के साथ रथयात्रा निकाली गई।

रथयात्रा का शुभारंभ हिन्दू संस्कृति परम्परा के अनुसार पूजा पाठ कर किया गया। श्रीराम जानकी मंदिर से रथयात्रा प्रारंभ होकर शहीद वीर नारायण होते बस स्टैंड होते हुए समलेश्वरी मंदिर टिकरापारा से नगर भ्रमण करते हुए कृषि उपज मंडी परिसर पहुंचा। 


रथयात्रा में कीर्तन मंडली के विभिन्न प्रकार के वाद्ययंत्रों से सुसज्जित तरीके से भक्तिमय वातावरण में नाचते थिरकते चल रहे थे। रथयात्रा में आनंद मदनानी,राधे अग्रवाल, रतन अग्रवाल,अशोक जोशी,श्याम लाल अग्रवाल,तरूण दास, अर्चक पुरोहित संदीप शास्त्री, अर्चक पुरोहित सुमंत महाराज, शिवप्रसाद श्रीवास्तव, कैलाश साहू,सौरव अग्रवाल, जयनारायण अग्रवाल, जगदीश दास राजन,अभय धृतलहरे, अनिल साव,बलदेव मिश्रा, सेवक दास दीवान, सी.डी.बघेल, अजय अग्रवाल, जयभगवान अग्रवाल,नरेश अग्रवाल, हर्ष अग्रवाल, आनंद विलास दास,विवेक दास, विकास वाधवा, ऋषिकेशन दास,रमेश गोयल,बसंत देवता, मनहरण सोनवानी, गजानंद भोई, सहित भारी संख्या श्रद्धालुगण रथयात्रा में चल रहे थे।

रथयात्रा का मुख्य उद्देश्य

  उल्लेखनीय है कि भगवान जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा का उद्देश्य यह है कि वे लोग जो वर्ष भर मंदिर नहीं आ पाते हैं उन्हें भगवान के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो। राजा इन्द्रद्युम्न और उनकी धर्मपत्नी गुंडिचा देवी के काल में महाप्रभु जगन्नाथ की मूर्ति बनाने के लिए समुद्र से विशाल लाल वृक्ष का तना निकाला गया। भगवान जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि से दशमी तिथि तक जन सामान्य के बीच रहते हैं।इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथयात्रा पर विराजमान होकर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं। रथयात्रा का भव्य आयोजन दस दिनों तक चलता है।

गौरतलब है कि बसना शहर में निकाली गई रथयात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु चल रहे थे। पूरा शहर भगवान जगन्नाथ महाप्रभु के जय घोष एवं कीर्तन की धुन से गुंजायमान हो गया। बसना शहर ,आदर्श नगर,के अलावा क्षेत्र के बरोली, गढफुलझर,अरेकेल , गढ़पटनी,पिलवापाली, मेदिनीपुर, बरपेलाडीह,बोईरडीह के अलावा अधिकांश ग्रामों में रथयात्रा महापर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।




अन्य सम्बंधित खबरें