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बसना : जान पर खेलकर ग्रामीण पार कर रहे जर्जर पुल, कभी भी हो सकता है हादसा.

पुल टूट जाने के बाद विगत 3 वर्षों से कुड़ेकेल के ग्रामीणों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी ना होने से अब ग्रामीणों को जान पर खेलकर जर्जर पुल को पार करना पड़ रहा है. पुल इस तरह जर्जर स्थिति में आ चूका है कि, इस पुल से अब चारपहिया वाहन का आगमन पूर्ण रूप स्थगित हो चूका है. वर्त्तमान स्थिति की बात करें तो लगातार पुल के जर्जर होने की स्थिति में कुछ ही दिनों में आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जायेगा.

इसके पूर्व ग्रामीणों ने जो वैकल्पिक पुल की व्यवस्था की थी. वह भी पूरी तरह टूट चूका है, पुल में अत्यधिक बहाव आने से कुड़ेकेल वासियों का इस मार्ग से बसना हेतु संपर्क टूटू जाएगा. ग्रामीण को कुछ दिनों में बसना आने के लिए सिरको अथवा परसकोल मार्ग से होकर बसना आना पड़ेगा जिसके चलते समय के साथ-साथ ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा. बारिश के दिनों में इन मार्गों में कीचड़ भर जाने से ग्रामीणों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. बताया जा रहा है कि पुल के लिए बजट पास हो चूका है, लेकिन लम्बा समय गुजर जाने के बाद पुल के नहीं बनने से ग्रामीणों में निराशा है. संभावना जताई जा रही है कि बरसात के बाद पुल का काम शुरू हो जायेगा .




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