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Nag Panchami 2024 : नाग को दूध और लावा क्यों चढ़ता है, जानें नागपंचमी पूजा का रहस्य

आज श्रावण मास के कृष्‍ण पक्ष की नागपंचमी मनाई जा रही है। राजस्थान, ओडिशा, बिहार और बंगाल में यह नागपंचमी का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है। आज के दिन जगह-जगह नागों को दूध लावा चढ़ाया जाता है। आज के दिन सपेरे जगह-जगह नागों को टोकरी में लेकर घूमते हैं और घर-घर जाते हैं। लोग उन्‍हें श्रद्धा से दूध पिलाते हैं और लावा चढ़ाते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं इतने खतरनाक जीव को नागपंचमी के दिन दूध क्‍यों पिलाया जाता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा और कई मान्‍यताएं हैं। आइए इस बारे में विस्‍तार से जानते हैं।

नाग को दूध पिलाने के पीछे है यह वजह
पुराणों में वर्णित कथाओं में बताया गया है कि नागपंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने से सर्पदंश का भय दूर होता है और आपको सर्प देवता का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है। इस संबंध में भविष्‍य पुराण की कथा में बताया गया है कि एक बार पांडवों के वंशज राजा जनमेजय ने नाग यज्ञ क‌िया ज‌िसमें नागों की अनेक जात‌ियां भस्‍म हो गई। तक्षक नाग ने देवराज इंद्र के आसन को भी लपेट ल‌िया ज‌िससे देवराज इंद्र भी आसन समेत यज्ञ की अग्न‌ि भस्‍म होने वाले थे कि यज्ञ को बीच में ही रोक देना पड़ा। इससे नागों की प्रजाति पूरी तरह से भस्‍म होने से बच गई।
उसके बाद नागों के जले हुए जख्‍मों से सही करने के लिए उन पर दूध और लावा चढ़ाया गया तब जाकर उनके प्राण बच सके और उनके जख्‍म ठंडे हुए। तब ये यह मान्‍यता चली आ रही है कि नागपंचमी के दिन जो भी सांपों को दूध लावा देगा उन्‍हें सर्पदंश का भय नहीं रहेगा।



विज्ञान मानता है सांप को दूध पिलाना गलत नागपंचमी पर सांपों को दूध पिलाने की मान्‍यता को लेकर विज्ञान का मत अलग है। विज्ञान कहता है कि सांपों के ऐसी ग्रंथियां ही नहीं होतीं कि वे दूध पी सकें। सांप का भोजन दूध नहीं बल्कि कीड़े मकोड़े हैं और उनका पाचन तंत्र भी उन्‍हीं को खाने के लिए बना हे। यहां तक कि सांप अगर दूध पी लेंगे तो उनकी जान भी जा सकती है।






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