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CG : DJ वाले बाबू के लिए काम की खबर, गाड़ी में रखकर नहीं बजा सकेंगे डीजे, जानिए और क्या है गाइडलाइन में  

 

रायपुर। भारत शासन के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा ध्वनि प्रदूषण (नियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 अधिसूचित किए गए हैं। यह नियम 14/02/2000 से प्रभावशील है। इस संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश का संदर्भ देते हुए आवास एवं पर्यावरण विभाग छत्तीसगढ़ शासन विशेष सचिव देवेन्द्र सिंह भारद्वाज ने प्रदेश के सभी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें ध्वनि प्रदूषण को केंद्र में रखते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का अनुपालन करने चार बिंदुओं की गाइड लाइन दी गई है।

ध्वनि प्रदूषण के संबंध में दायर की गई जनहित याचिका (क्रमांक 112/2016) का निराकरण करते हुए उच्च न्यायालय ने 27 अप्रैल 2017 को आदेशित किया कि कलेक्टर, एस.पी., और जिला प्रशासन के अधिकारी अनिवार्य रूप से पर्यावरण के संरक्षक है। न्यायालय ने आदेशित किया कि अधिकारी ध्वनि प्रदूषण के मामले में सकारात्मक कार्यवाही करें, ना कि किसी नागरिक के फोन का इंतजार करें। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों को भी शिकायत दर्ज कराना है।

इन चार बातों पर फोकस है विशेष सचिव की गाइड लाइन

1. गाडियों पर साउण्ड बाक्स रखकर डी.जे. बजाने पर :- कलेक्टर तथा एस.पी. सुनिश्चित करे कि कोई भी वाहन पर साउण्ड बाक्स न बजे। वाहन में साउण्ड बाक्स मिलने पर साउण्ड बाक्स जब्त कर वाहन का रिकार्ड रखा जावे। जप्त साउण्ड बाक्स को मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) के आदेश के बाद ही छोड़ा जाना है। द्वितीय बार पकड़े जाने पर उस वाहन का परमिट निरस्त किया जाएगा तथा उच्च न्यायालय के आदेश बिना उस वाहन को कोई भी नया परमिट जारी नहीं किया जाएगा। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि नियम का उल्लघंन करते पाए जाने पर संबंधित अधिकारी पर अवमानना कार्यवाही होगी।

2. अवमानना कार्यवाही के संबंध में और डी.जे. बजने पर जप्त किये जाने पर :- उच्च न्यायालय ने कहा कि जब भी शादियां, जन्मदिनों, धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों में निर्धारित मापदण्डों से अधिक ध्वनि प्रदूषण होने पर अधिकारी जावे, तो वे लोगों की भावना की कद्र करते हुए नम्रतापूर्वक उन्हें उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने को कहें, अगर आयोजक विरोध करता है तो उसके विरूद्ध कोर्ट में कार्यवाही की जावे तथा इसके अतिरिक्त संबंधित अधिकारी आयोजक के विरूद्ध उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने पर अवमानना का प्रकरण उच्च न्यायालय में दायर करें। परंतु अगर ध्वनि प्रदूषण यंत्र, टेन्ट हाउस, साउण्ड सिस्टम प्रदायकर्ता या डी.जे. वाले का पाया जाता है तो उसे सीधे जप्त किया जाएगा।

3. डी.जे. वाले का पाया जाता है तो उसे सीधे जप्त किया जावेगा। प्रेशर हार्न अथवा मल्टी टोन हार्न लगाने पर :- वाहनों में प्रेशर हार्न अथवा मल्टी टोन्ड हार्न पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी (कलेक्टर, एस.पी., एस.डी.एम., आर.टी.ओ. एवं डी.एस.पी.) तत्काल ही उसे वाहन से निकालकर नष्ट करेगा तथा रजिस्टर में दर्ज करेगा। अधिकारीगण इस संबंध में वाहन नम्बर के साथ मालिक तथा चालक का डाटा बेस इस रूप में रखेगा कि दोबारा अपराध करने पर वाहन जप्त किया जाए तथा उच्च न्यायालय के आदेश के बिना जप्त वाहनों को नहीं छोड़ा जा सकेगा।

4. स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कोर्ट, आफिस से 100 मीटर एरियल डिस्टेन्स पर लाउड स्पीकर बजने पर :- स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कोर्ट, आफिस से 100 मीटर एरियल डिस्टेन्स पर लाउड स्पीकर बजने पर कलेक्टर, एस.पी., डी.एस.पी. या प्राधिकृत अधिकारी को ध्वनि प्रदूषण यंत्रों को जप्त करना होगा। बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति से प्रदूषण यंत्रों को वापस नहीं किया जाएगा। द्वितीय गलती पर जप्त किये गये प्रदूषण यंत्रों को उच्च न्यायालय के आदेश बिना वापस नहीं किया जाएगा।

 


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