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सरायपाली : हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी के प्रभारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न.

सरायपाली : लोक शिक्षण संचालनालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ के द्वारा जारी आदेशानुसार एवं जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द मोहनराव सावंत के निर्देशानुसार युवा संसद प्रतियोगिता 2024 के आयोजन हेतु विकासखण्ड स्तर पर कुल छत्तीस हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी के प्रभारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण, मनरेगा हॉल, भवन जनपद पंचायत सरायपाली में संपन्न हुआ।

प्रशिक्षण हेतु मास्टर ट्रेनर शैलेन्द्र कुमार नायक, व्याख्याता (केना) ने बताया कि संसदीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने, अनुशासन की स्वस्थ आदतें विकसित करने, भिन्न विचारों के प्रति सहिष्णुता विकसित करने, छात्र समुदाय को संसद की प्रक्रिया और कार्यप्रणाली से परिचित कराने के विशिष्ट उद्देश्यों के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर एस. डी. वर्मा द्वारा तैयार पीपीटी के बिंदुओं को सविस्तार समझाया गया। जिसमें प्रतिभागी विद्यार्थियों की संख्या, बैठने के ढंग, प्रस्तुतिकरण के समय भाषा का स्तर और चयन के मुख्य बिंदु, प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण के समय आवश्यक बातें, प्रोटोकॉल के अनुसार समावेश एवं सावधानियों पर सभी को प्रशिक्षित किया गया।

सहयोगी मास्टर ट्रेनर नेहरू लाल चौधरी, समन्वयक (किसड़ी) ने अपने विगत पांच वर्षों के इस प्रतियोगिता के अनुभव को सभी से साझा करते हुए छोटी - छोटी मगर खास बातों की ओर इंगित करते हुए कहा कि हमारे विकासखण्ड सरायपाली के प्रतिभागी संभाग स्तर तक पहुँच चुके हैं। विद्यार्थियों की प्रतिभा को तराशते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

युवा संसद प्रतियोगिता के नोडल प्रभारी, बीईओ सरायपाली प्रकाशचंद्र मांझी ने संबोधित करते हुए कहा कि इसके लिए संकुलों को चार जोन में बांटा गया है, प्रत्येक जोन में सुविधानुसार संकुलों को जोड़ा गया है। जोन स्तर पर 20 सितम्बर तक प्रतियोगिता संपन्न कराया जाएगा फिर जोन के विजेताओं के बीच प्रतियोगिता 24 सितम्बर और इसके विजेता टीमों के बीच विकासखण्ड स्तर पर 25 सितम्बर को होगा।

बीआरसीसी सतीश स्वरूप पटेल ने इस प्रतियोगिता में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने हेतु विद्यार्थियों को प्रेरित करने की बात कही। प्रतियोगिता में अंकों के विभाजन और अंकन के संबंध में बताया। प्रशिक्षण में इस प्रतियोगिता के प्रभारी प्राचार्य एवं व्याख्याता गण की सक्रिय सहभागिता रही, जिनमें टी. सी. पटेल, डोमलाल पारेश्वर, टी. आर. टिकुलिया, नारायण भोई, अरुण भोई, खीरसागर पटेल, सरधाराम सिदार, संतोष कुजुर, दामोदर महापात्र, गीता राय, नरेश पारेश्वर, अरूप प्रधान, जगदीश प्रसाद पटेल, योगेन्द्र विशाल, विक्रम यादव, हिमांशु प्रधान, महेंद्र भोई, टी. आर. पटेल, दीपक पटेल, विक्रम सिंह प्रह्लाद, सुभाषचंद्र बरिहा, मोतीचरण वैष्णव, जयलाल गिरी, कमलेश कुमार सतपथी, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, आर. उबोवेजा, नेहा दास साहू, आकाश मिश्रा, नृपति पटेल, खगेश्वर भोई, श्वेत कुमार नेताम, घनश्याम दीप शामिल रहे। तकनीकी सहयोगी के रूप में स्वाधीन शर्मा ने अपना योगदान दिया।




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