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महासमुंद : नवजात शिशु के मृत होने की जानकारी सुनते ही पिता हुआ आक्रामक, चिकित्सालय में लगे पार्टिशन को तोड डाल दी नवजात बच्चों जिंदगी खतरे में.

महासमुंद स्थित जैन नर्सिंग होम में एक व्यक्ति अपने नवजात शिशु के मृत होने की जानकारी सुनते ही बदहवास तथा आक्रामक हो गया जिसके बाद वह चिकित्सक एवं वहां उपस्थित महिला गार्ड के साथ गाली-गलौच व अभद्रता करने लगा साथ ही चिकित्सालय में लगे पार्टिशन के कांच को हाथ से मार कर तोड़ दिया जिससे कई नवजात बच्चों की जान खतरे में आ गई थी. बताया गया कि नवजात शिशु मृत अवस्था में चिकित्सालय में लाया गया था.

मिली जानकारी के अनुसार 04 अक्टूबर 2024 को दोपहर करीब 3:30 बजे ग्राम बरोण्डा बाजार निवासी देवेन्द्र राजपुत अपने नवजात पुत्र उम्र 01 दिवस को जैन नर्सिंग होम महासमुन्द से लेकर आया था. जिसका परीक्षण नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई,  स्थानीय चिकित्सालय में ड्यूटी में कार्यरत चिकित्सक डॉ. निधि शर्मा द्वारा किया गया तथा ओ.पी.डी. पर्ची में चिकित्सक के मरीज का परीक्षण अनुसार नवजात शिशु मृत अवस्था में चिकित्सालय में लाया गया था जिसकी जानकारी चिकित्सक द्वारा देवेन्द्र राजपुत को दी गई. जिस पर देवेन्द्र राजपुत बदहवास तथा आक्रामक हो गया तथा चिकित्सक एवं वहां उपस्थित महिला गार्ड के साथ गाली-गलौच व अभद्रता करने लगा.

इसके बाद उसे अन्य गार्डों द्वारा रोके जाने पर उसके द्वारा नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई,  स्थानीय चिकित्सालय में लगे पार्टिशन के कांच को हाथ से मार कर तोड़ दिया गया. जिससे पार्टिशन के उस पार अन्य नवजात बच्चों की जान खतरे में आ गई थी.

अन्य गार्डों द्वारा जब देवेन्द्र को चिकित्सालय के बाहर ले जाया गया तब वह लगातार उनसे हाथा-पाई करते हुए गाली-गलौच करने लगा. जिस पर अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा चिकित्सालय में सेवा दे रहे आरक्षक पवन चन्द्राकर बैच नं. 513 को जानकारी दी गई एवं संबंधित पर काबू पाने हेतु पुलिस थाने में सूचना दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया.

बताया गया कि देवेन्द्र राजपुत के पुत्र की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी फिर भी उसके द्वारा चिकित्सालय में इस प्रकार का कृत्य किया गया है जिससे अन्य नवजात बच्चों की जान खतरे में आ गई साथ ही चिकित्सालय में कार्यरत महिला गार्ड व चिकित्सक के साथ गाली-गलौच भी किया गया.

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने देवेन्द्र राजपुत के विरूद्ध अपराध धारा 3-LCG, 115(2)-BNS, 296-BNS पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया.




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