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महासमुंद : सरपंच का महिला के पुश्तैनी जमीन पर कब्जा ! महिला आयोग की टीम पहुँची पचरी गांव

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग रायपुर में विगत दिनों महासमुंद जिला के ग्राम पचरी के निवासी आवेदिका चित्रकुमारी बंजारे के द्वारा शिकायत दी गई थी कि गांव के अनावेदक क्रमशः पचरी सरपंच हेमलता डड़सेना, सरपंच पति पुरुषोत्तम डड़सेना उर्फ पवन डड़सेना जो पटेवा के शासकीय प्राथमिक स्कूल में शासकीय शिक्षक है के द्वारा मानसिक प्रताड़ना एवंम ग्राम लामी के सरपंच बिलाल लोधी के द्वारा आवेदिका के पुश्तैनी जमीन को कब्जा किया गया है जिसमे वर्षो से आवेदिका द्वारा काश्तकारी कर परिवार का भरण पोषण करते आ रहे है जिसमे 40 से 50 बड़े बड़े पेड़ थे। अनावेदक लामी सरपंच बिलाल लोधी के द्वारा आवेदिका के पुश्तैनी जमीन को कब्जाकर फेंसिंग तार से आम रास्ता को बंद करने तथा घेरा करने साथ ही आवेदिका के जमीन में 40 - 50 पेड़ को जेसीबी से काट कर ले जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। और ग्राम पचरी सरपंच पति के द्वारा आवेदिका को 15 हजार रुपये मांग कर इस समस्या का निराकरण करने हेतु रुपये लिए गए थे जिसमें से आवेदिका द्वारा 13800 रुपये नगद दिया गया था लेकिन सरपंच पति के द्वारा रुपये लेने के बाद भी समस्या का निराकरण नही किया गया बल्कि आवेदिका को अनेक रूप से मानसिक प्रताड़ित करते रहे है।

 

आवेदिका के द्वारा इसकी लिखित सूचना जब पटेवा थाने में दी गई तो तत्कालीन थाना प्रभारी के द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई, तथा ठीक उसी बीच थाना प्रभारी का स्थानांतरण महासमुंद हो गया, इस प्रकरण में वर्तमान थाना प्रभारी पटेवा के द्वारा भी कोई कार्यवाही नही की गई है। इस प्रकरण के मौका जांज एवं निराकरण के लिए छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया एवं श्रीमती लक्ष्मी वर्मा को नियुक्त किया गया था।

इस संबंध में आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के सदस्य सरला कोसरिया और लक्ष्मी वर्मा और उनकी टीम के द्वारा उक्त प्रकरण के संबंध में घटना स्थल का निरीक्षण किया गया जिसमे से प्राप्त शिकायत के आधार पर अनावेदक गणों के द्वारा अवैध रूप से कब्जा करना,आवेदिका के जमीन पर 40-50 पेड़ को काट कर ले जाना ,आम रास्ता को बंद करना जैसे शिकायत को ग्रामीणों के समक्ष एवं थाना प्रभारी पटेवा के समक्ष स्वीकार किया गया है।

स्थल निरीक्षण के पश्चात गाँव के ग्राम पंचायत भवन पचरी में ग्राम सभा कर इस प्रकरण के संबंध में दोनों पक्षकारों और आम जनता से पूछताछ और जानकारी ली गई है ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच पति के द्वारा ही पंचायत का सारा काम किया जाता है , सरपंच को कुछ पता ही नही रहता है और सरपंच के हर काम मे सरपंच पति का दखल रहता है। इस प्रकरण की अगली एवं अंतिम सुनवाई कार्यालय छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में आगामी 16 जनवरी को आवेदिका , अनावेदक गण एवं पटवारी और आर आई को इस जमीन से संबंधित 50 वर्ष तक के रिकार्ड अथवा दस्तावेज लेकर उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया गया है।




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