महासमुंद : महाविद्यालय छात्रों ने शैक्षणिक भ्रमण में जल संरक्षण एवं संवर्धन के महत्व को समझा
महासमुंद जिले के एकमात्र अंग्रेजी माध्यम महाविद्यालय स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय महासमुंद के के छात्र-छात्राओं ने उड़ीसा में स्थित पतोरा बांध का शैक्षणिक भ्रमण किया जिसमें छात्र-छात्राओं ने जल संरक्षण एवं संवर्धन के महत्व को समझा एवं जाना कि इसका संरक्षण करने से भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसकी उपलब्धता सुनिश्चित होती है। अत्यधिक खपत से स्थानीय जल स्रोतों और पारिस्थितिकी तंत्र पर दबाव पड़ सकता है। इसे संरक्षित करने से इसे निकालने, उपचारित करने और वितरित करने की आवश्यकता कम हो जाती है, जिससे इन प्रक्रियाओं के पर्यावरणीय प्रभाव कम हो जाते हैं। पानी का संरक्षण करके, हम यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं कि घरेलू उपयोग, कृषि और उद्योग सहित सभी उपयोगों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो।
इसके अलावा, जल संरक्षण से ऊर्जा उपयोग और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में भी मदद मिल सकती है। भविष्य में होने वाली विपरीत परिस्थितियों में जल की उपयोगिता एवं उपलब्धता को बारीकी से जाना।महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो डॉ अनुसुइया अग्रवाल ने छात्रों को शैक्षणिक भ्रमण की महत्व के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि शैक्षणिक यात्राओं का प्राथमिक उद्देश्य कक्षा में सीखी गई चीजों को देखने, छूने और अनुभव करने का अवसर प्रदान करते हैं।
शैक्षणिक यात्राएं छात्रों को वास्तविक जीवन के संदर्भ में विषयों का अनुभव करने की अनुमति देता है, जिससे उन्हें यह समझने में मदद मिलता है कि कक्षा में सीखी गई अवधारणाओं को वास्तविक दुनिया में कैसे लागू किया जाता है ।
शैक्षणिक यात्राएं सीखने की प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा है । शैक्षणिक यात्राएं सिर्फ अकादमिक शिक्षा के बारे में नहीं होती है, यह सामाजिक और भावनात्मक विकास को भी बढ़ावा देती है । इससे अपरिचित परिस्थितियों के अनुकूल ढलने, अपनी भावनाओं को प्रबंधित करने और लचीलापन विकसित करने में मदद मिलती है ।
इस शैक्षणिक भ्रमण में महाविधालय के द्वितीय वर्ष के नियमित विद्यार्थी एवं संरक्षक के रूप में महाविधालय के प्राचार्य के साथ प्रतिमा चंद्राकर सहा. प्राध्यापक हिंदी, तरुण कुमार बांधे सहा. प्राध्यापक वाणिज्य, मुकेश कुमार सिन्हा (व्याख्याता कंप्यूटर एप्लीकेशन), संजय कुमार (व्याख्याता अंग्रेजी), निलेश तिवारी (व्याख्याता गणित), आलोक त्रिलोक हिरवानी (व्याख्याता कंप्यूटर एप्लिकेशन), माधुरी दीवान (व्याख्याता -वाणिज्य), शिखा साहू (व्याख्याता भौतिक शास्त्र) , चित्रेश बरेठ ( व्याख्याता- रसायन विज्ञान), डॉ. ग्लैडिस मैथ्यू (व्याख्याता समाजशास्त्र) एवं l त्रिपेश कुमार साहू (क्रीड़ा अधिकारी) मौजूद रहे।