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महासमुंद जिला आगामी आदेश तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित, नलकूप खनन हेतु प्राधिकृत अधिकारी करेंगे अनुमति प्रदान
महासमुन्द जिले में आगामी ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री विनय कुमार लंगेह द्वारा छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 (कमांक-3) 1987 की धारा 03 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के तहत जिले को आगामी आदेश तक जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है।
उक्त अधिनियम की धारा 06 के अंतर्गत महासमुन्द जिले में आगामी आदेश तक सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कोई नया नलकूप पेयजल व्यवस्था, पेयजल के अलावा किसी अन्य प्रयोजन के लिए खनन नहीं किया जा सकेगा, लेकिन शासकीय/अर्द्धशासकीय / नगरीय निकायों को पेयजल हेतु अपने क्षेत्राधिकारी सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में नलकूप खनन हेतु अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। परन्तु निर्धारित नियमों का पालन वे सुनिश्चित करेगें।
जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए उक्त अधिनियम की धारा 06 के अंतर्गत नलकूप खनन हेतु अनुमति प्रदान करने के लिए अधिकारियों को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। वे संबंधित क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी/नगरीय निकाय/तहसील से रिपोर्ट प्राप्त कर नियमानुसार अनुमति प्रदान करेगें। जिसमें महासमुंद शहर (नगर पालिका क्षेत्र) के लिए अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी, महासमुंद, अनुविभाग महासमुंद के लिए (महासमुंद शहर को छोड़कर) अनुविभागीय अधिकारी, (रा.) महासमुंद प्राधिकृत अधिकारी होंगे।
इसी तरह अनुविभाग बागबाहरा के लिए अनुविभागीय अधिकारी, (रा.) बागबाहरा, अनुविभाग पिथौरा के लिए अनुविभागीय अधिकारी, (रा.) पिथौरा, अनुविभाग बसना के लिए अनुविभागीय अधिकारी, (रा.) बसना एवं अनुविभाग सरायपाली के लिए अनुविभागीय अधिकारी, (रा.) सरायपाली को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। उक्त प्राधिकृत अधिकारी, अपने-अपने क्षेत्र के छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियमों का उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार नलकूप खनन की आवश्यकता होने पर अनुमति प्रदान करने की कार्यवाही करेगें। बोरवेल खनन अथवा बोर वेल मरम्मत का कार्य पंजीकृत बोरवेल एजेंसी द्वारा ही की जाएगी। कोई भी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा उक्त अधिनियम के उल्लंघन में नलकूप खनन करना पाया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।