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ड्रोन दीदी योजना, रोजाना 2 से 3 हजार रुपये कमा रही ये महिलाएं, किसानों को भी मदद

प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत म‍िशन के तहत किसानों को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए ड्रोन दीदी योजना लागू की गई है. इसके लिए किसान महिलाओं को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. वहीं ड्रोन खरीदने के लिए 80 प्रत‍िशत सब्सिडी भी दी जाएगी. देश भर में करीब 15000 ड्रोन दीदी तैयार की जाएगी. उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिससे कृषि क्षेत्र में भी महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी. ड्रोन के जर‍िए कृष‍ि क्षेत्र में बदलाव की कहानी ल‍िखी जा रही है. इससे क‍िसानों का काम आसान होगा. इससे खेती की तस्वीर बदलेगी और मह‍िलाओं को काम म‍िलेगा.

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ, किसानों की मदद

इस योजना के तहत उत्तरप्रदेश के अयोध्या में कृषि विभाग ने तीन ब्लाक में छह ड्रोन दीदी की तैनाती की है।जिले में इस योजना के तहत कार्य शुरू हो गया है। इसमें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही किसानों की मदद भी की जा रही है। ड्रोन दीदी ड्रोन के माध्यम से खेतों में छिड़काव करती हैं।

जिले में इस योजना के तहत छह ड्रोन दीदी काम कर रही हैं। इनका चयन होने के बाद इन्हें बिहार के समस्तीपुर में 15 दिन का प्रशिक्षण कराया गया था। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से करीब 10 लाख रुपये का ड्रोन नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया था। रूदौली की ही ड्रोन दीदी गायत्री बताती हैं कि इस योजना ने हमारे जीवन में पंख लगा दिए हैं। हमारी आय बढ़ गई है।

नैंसी ने 100 एकड़ से अधिक खेतों में किया छिड़काव

रुदौली की ड्रोन दीदी नैंसी चौहान ने बताया कि इस समय गेहूं और अरहर के खेतों में कीटनाशक, खरपतवारनाशी और उर्वरक का छिड़काव कर रही हैं। प्रति एकड़ 400 रुपये का भुगतान किसानों से मिलता है। रोजाना दो से तीन हजार तक आमदनी हो जाती है। अब तक 100 एकड़ से अधिक खेतों में छिड़काव कर चुकी हैं।

रोजाना 2  से 3 हजार रुपये की हो जाती है आदमनी

शबीना के मुताबिक, इस समय गेहूं और अरहर के खेतों में कीटनाशक, खरपतवारनाशी और उर्वरक का छिड़काव कर रही हैं। एक दिन में 4 से 5 किसानों के 20 एकड़ तक खेती पर काम कर लेती है। प्रति एकड़ 400 रुपये का भुगतान किसान से मिलता है। रोजाना आमतौर पर 2 से 3 हजार रुपये तक की कमाई हो जाती है। कभी-कभी यह 5 हजार रुपये रोजाना तक भी पहुंच जाती है।

यहां है ड्रोन दीदी की तैनाती

सोहावल ब्लाक में संजू यादव,पूनम, रुदौली ब्लाक में गायत्री, नैंसी व मवई ब्लॉक में सबीना और शीला यादव को ड्रोन दीदी बनाया गया है।

15 हजार ड्रोन बांटे जाएंगे.

महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2024-25 से 2025-26 के दौरान 1261 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है. अनुमान है कि कृषि उद्देश्यों के लिए ड्रोन किराए पर लेकर महिला किसान सालाना 1 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आय अर्जित कर सकती हैं. इस योजना का केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय जोरशोर से प्रचार कर रहा है. ड्रोन दीदी योजना के तहत महिलाओं को 15 हजार ड्रोन बांटे जाएंगे.

ड्रोन से स्प्रे करवाना चाहती है सरकार 

मौजूदा वक्त में भारत में करीब 6.28 लाख गांव हैं. सभी गांवों में सरकार ड्रोन पहुंचाना चाहती है ताक‍ि क‍िसान उसे क‍िराये पर लेकर छ‍िड़काव कर सकें. अब पारंपर‍िक यूर‍िया, डीएपी की जगह नैनो ल‍िक्व‍िड यूर‍िया, डीएपी आ गई है ज‍िसका छ‍िड़काव करना होगा. इसल‍िए ड्रोन का महत्व बढ़ गया है. ड्रोन का दाम 6 से 10 लाख रुपये तक होता है. इसल‍िए हर क‍िसान इसे खरीदने की जगह उसे क‍िराये पर लेकर काम चलाएगा. इसल‍िए ड्रोन दीदी के जर‍िए क‍िराये पर गांव-गांव तक ड्रोन पहुंचाए जाएंगे. ड्रोन दीदी क‍िराये पर ड्रोन के जर‍िए खेतों में स्प्रे करके पैसा कमाएंगी.

ड्रोन खरीदने पर 1261 करोड़ खर्च करेगी सरकार 

रासायनिक उर्वरक बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी कंपनी इफको खुद 2,500 एग्री ड्रोन खरीद रही है. ताकि इसे किराये पर देकर नैनो यूरिया व डीएपी का छिड़काव कराया जा सके. नहीं तो ड्रोन की कमी के कारण किसान भारत की इस अनोखी खोज को स्वीकार नहीं कर पाएंगे. केंद्र सरकार भी इस कमी को पूरा करने की कोशिश कर रही है. इसल‍िए ड्रोन दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 1261 करोड़ रुपये की योजना पर मुह‍र लगाई गई है.




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