
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना से शुरू करें अपना बिजनेस, 35% सब्सिडी देगी सरकार
गांव में युवाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या रोजगार की होती है। अगर गांव में ही रोजगार मिल जाए तो उन्हें अपना घर-बार छोड़कर दूसरे शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। ग्रामीण युवाओं की इस मुश्किल को दूर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएं संचालित करती हैं, ताकि युवा गांव में रहकर कुछ कारोबार कर सकें और उन्हें नौकरी के लिए पलायन न करना पड़े।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना केंद्र सरकार की ऐसी ही एक योजना है। सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा 2020 में यह योजना शुरू की गई थी।
इस योजना का लाभ उठाकर युवा उद्यमी अपनी नई और मौजूदा इकाइयों को उन्नत कर सकते हैं। इसके तहत किसी भी तरह का खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, जैसे - आटा चक्की, तेल पेराई मशीन, धान कुटाई मशीन, बेकरी, डेयरी, जैम एवं जैली उद्योग, अचार एवं पापड़ उद्योग आदि आप गांव में लगा सकते हैं।
कितनी मिलेगी सब्सिडी
अगर आप सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाना चाहते हैं, तो पात्र परियोजना लागत का 35% तक क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी मिलती है। उदाहरण के तौर पर अगर यूनिट की लागत एक लाख रुपये है, तो सरकार की ओर से 35 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। सब्सिडी की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये प्रति यूनिट है। इस क्षेत्र के विकास में तेजी लाने के लिए सामान्य बुनियादी ढांचे और संस्थागत आर्किटेक्चर का समर्थन किया जाएगा।
अगर आप सोलर आधारित व्यावसायिक यूनिट लगाते हैं, तो कई फायदे एक साथ मिलते हैं। इससे आटा चक्की से लेकर धान कुटाई मशीन, तेल पेराई मशीन और सबमर्सिबल पंप भी चला सकते हैं। यही नहीं, घर में उपयोग होने वाली बिजली का बिल भी जीरो हो जाता है।
कैसे करें आवेदन
अगर आप भी इस तरह का कोई सूक्ष्म उद्योग शुरू करना चाहते हैं, तो सब्सिडी प्राप्त करने के लिए लिए PMFME की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। जो लोग इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वो अपने जनपद के जिला उद्यान विभाग में संपर्क कर सकते हैं। वहां से इस योजना की जानकारी मिल जाएगी।
भारत सरकार ने जिला उद्यान विभाग के माध्यम से ह जिले में डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन नियुक्त किए हैं। आवेदक के ऑनलाइन पंजीकरण करने के बाद, आवेदक के पास ईमेल के माध्यम से रिसोर्स पर्सन का नंबर पहुंच जाता है, जिनसे बात करके अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
एफएसएसआई के लाइसेंस, उद्योग आधार, प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने में डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन मदद करते हैं। वो ही नजदीकी बैंक में परियोजना की फाइल ऋण के लिए भेजते हैं। डीलर से मशीनों का कोटेशन लेकर बैंक को देना होता है। बैंक उस पर कार्रवाई करती है और इस तरह ऋण पास हो पास हो जाता है।