
सरायपाली बसना क्षेत्र की ग्रामीण सड़के डबल केज व्हील से हुई जुताई, अब बरसात में ग्रामीण लगायेंगे रोपा !
अंचल के दूर दरस्त ग्रामों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं शुरू कर गाँव-गाँव पक्की डामर की सड़क बना रही है, स्थानों की दुरी कम करने सरकार सड़कों का जाल भी बिछा रही है, लेकिन गाँव के कई लोग ऐसे है जिन्हें सरकार द्वारा किया जा रहा विकास रास नही आ रहा, और लगातार अपने फायदे के लिए सरकार की योजना पर पानी फेर कर उसे बर्बाद करने में तुले हैं. जिससे सरकार के पैसों की बर्बादी हो रही है, इससे अच्छा होता कि सरकार ये पैसे कहीं और लगाती.
बसना, सरायपाली के अंचल के कई ऐसे गाँव हैं जहाँ ट्रैक्टर को डबल केज व्हील में चलाकर कुछ ही वर्षों पहले बने सड़क को पूरी तरह बर्बाद कर चुके हैं. अब आने वाले समय बरसात के समय में निश्चित ही यह सड़क खराब हो जाएगी जिसके बाद ग्रामीण सड़कों पर रोपा लगाकर सरकार के खिलाफ फिर से सड़क बनाने की मांग करेंगे.
सरकार द्वारा बार-बार सड़कों पर डबल केज व्हील चलाने से मना किया जाता है, कई गाँव में प्रतिबन्ध लगाकर जुर्माने का भी प्रावधान किया जाता है, लेकिन इस बार ठीक रबी फसल के समय पंचायत चुनाव होने से अधिकारी और जनप्रतिनिधि चुनाव में व्यस्त हो गए, जिसके चलते इस दौरांन स्थानीय पंचायत चुनाव का फायदा उठाते हुए खुलेआम खेतों के साथ-साथ सड़कों की भी जुताई कर दी गई है, अब इंतज़ार है तो बस कीचड़ होने का फिर यहाँ गाँव की महिलाएं, बच्चे व छात्र रोपा भी लगायेंगे.
यह तस्वीर भंवरपुर से बोहारपार मार्ग की है, करीब दो वर्ष से भी कम समय के पहले बने इस सड़क को डबल केज व्हील चलाकर पूरी तरह खराब कर दिया गया है, जिससे की दोपहिया वाहन अब इस मार्ग पर चलते समय लहराते हैं, और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. निश्चित ही समय के पहले कुछ ही समय में यह सड़क पूरी तरह ख़राब हो जायेगा, और कुछ लोगों के फायदे के चलते कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
हलाकि ख़राब हुए सड़कों के पास जिन किसानों के खेत में अभी फसल लगे हैं, उनपर कार्रवाई कर सरकार किसी तरह की भरपाई कर सकती है, या फिर ऐसे गाँव को किसी सूचि में डालकर यहाँ भविष्य में कभी सड़क न बनाने का निर्णय लिए जाएगा. इससे शासन का पैसा बचेगा और कहीं और काम आएगा, हो सकता है महतारी वंदन 1 हजार की जगह 2 हजार मिलने लगे.