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सरायपाली : सनातन धर्म पर हो रहे वैचारिक हमलों के विरुद्ध विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की निर्णायक कार्यवाही

सरायपाली की नई कृषि उपज मंडी में आयोजित एक कथित धार्मिक शिविर में सनातन धर्म की मूल मान्यताओं और आस्थाओं पर सुनियोजित वैचारिक हमला किए जाने की जानकारी प्राप्त होते ही विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, धर्म जागरण समन्वय विभाग और स्थानीय हिंदू समाज के कार्यकर्ता तत्काल सक्रिय हुए। उक्त कार्यक्रम में विवादास्पद तथाकथित संत रामपाल से जुड़े अनुयायियों द्वारा प्रोजेक्टर और साहित्य के माध्यम से सनातन धर्म की निंदा और विकृत व्याख्या की जा रही थी।

सूत्रों के अनुसार, यह शिविर सुबह के समय गुप्त रूप से आरंभ किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण और भोले-भाले हिंदू जनसमुदाय को आमंत्रित किया गया था। वहां उपस्थिति प्रवर्तकों द्वारा सनातन धर्म की मूल संहिताओं — जैसे भगवद्गीता, पुराण, देवी-देवताओं की पूजा, मंदिर परंपरा आदि को भ्रमित और विकृत तरीके से प्रस्तुत कर यह सिद्ध करने का प्रयास किया गया कि वर्तमान हिंदू परंपराएं भ्रामक हैं और केवल एक विशेष विचारधारा ही सत्य है।

वीडियो रिकॉर्डिंग में खुला सनातन विरोधी षड्यंत्र

कार्यकर्ताओं द्वारा की गई वीडियोग्राफी में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कथित प्रवक्ता बार-बार सनातन देवी-देवताओं का अपमान कर रहे हैं, सनातन ग्रंथों का उपहास उड़ा रहे हैं और यह कह रहे हैं कि "आज तक हिंदू समाज अंधकार में था, अब एकमात्र सत्य यही है"। यह न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध भी है।

आक्रोशित हिंदू समाज ने दर्ज कराई शिकायत, प्रशासन से की कड़ी कार्रवाई की मांग

घटना की गंभीरता को देखते हुए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने तुरंत संबंधित थाना सरायपाली में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में यह भी कहा गया है कि इस प्रकार के आयोजनों से सामाजिक सौहार्द और सांप्रदायिक शांति को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। आयोजकों और उनके समर्थकों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।

भविष्य में ऐसे आयोजनों पर लगे प्रतिबंध

विहिप और बजरंग दल के नेताओं ने प्रशासन को चेताया कि यदि ऐसे विकृत और विभाजनकारी विचारों को फैलाने वाले आयोजनों पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो यह समाज में वैमनस्य, भ्रम और तनाव का कारण बन सकते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।

रामपाल — एक अपराधी, न कि संत

ध्यान देने योग्य है कि रामपाल पर हत्या, अपहरण, बंधक बनाना, दंगा फैलाना और देशद्रोह जैसे गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और वह वर्षों से जेल में बंद है। इसके बावजूद उसके विचारों को आज समाज में फैलाया जाना एक खतरनाक वैचारिक षड्यंत्र प्रतीत होता है।

हिंदू समाज एकजुट है — धर्म की रक्षा हेतु संकल्पबद्ध

विहिप-बजरंग दल ने स्पष्ट किया है कि सनातन धर्म पर कोई भी वैचारिक हमला अब सहन नहीं किया जाएगा। यदि भविष्य में भी इस प्रकार के षड्यंत्र दोहराए गए, तो हिंदू समाज अपने संविधानिक अधिकारों के अंतर्गत कठोर विरोध प्रदर्शन और न्यायिक कार्यवाही के लिए बाध्य होगा।


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