
CG : 15 जुलाई से च्वाइस सेंटरों में नहीं बनेंगे आधार कार्ड, ना ही होगा संशोधन
रायपुर। आधार कार्ड बनाने के लिए लोगों को आने वाले दिनों में कई तरह की परेशानी हो सकती है। केंद्र और राज्य सरकार के नए नियमों के तहत 15 जुलाई से किसी भी च्वाइस सेंटर पर न तो नए आधार कार्ड बनाए जाएंगे और न ही उसमें किसी तरह का संशोधन किया जाएगा। आधार बनाने से लेकर सभी तरह के अपग्रेडेशन का काम केवल सरकारी सेंटरों यानी लोक सेवा केंद्रों में ही किया जाएगा। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
शहर में अभी करीब 44 च्वाइस सेंटर हैं। यहां लोग अपनी दूरी के अनुसार पहुंचकर आधार कार्ड बनवाते हैं। जबकि लोक सेवा केंद्र केवल कलेक्टोरेट, निगम मुख्यालय और 6 जोन दफ्तरों में ही हैं। इसके अलावा श्याम प्लाजा पंडरी में निजी कंपनी को आधार कार्ड बनाने का काम दिया गया है। कंपनी इसके लिए चार्ज करती है।
यानी 44 केंद्र में आधार बनना बंद होने के बाद केवल 9 सेंटरों में ही बनाए जाएंगे। इससे शहर के अलग-अलग इलाकों में रहने वालों को आधार बनवाने के लिए दूर जाना पड़ेगा। सेंटर कम होने पर भीड़ भी बढ़ेगी, ऐसी दशा में लोगों को इंतजार भी करना पड़ेगा। यानी नई व्यवस्था लागू होने के बाद लोगों को आधार कार्ड बनाने के लिए भटकना पड़ेगा। एक बार में काम नहीं होने पर उन्हें घर से दूर बार-बार लोक सेवा केंद्रों में जाना होगा।
च्वाइस सेंटर संचालक नाराज
सरकार के इस फैसले से च्वाइस सेंटर वाले खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि च्वाइस सेंटरों से पहले ही पूरी तरह के प्रमाण पत्र नहीं बनाते हैं। आधार कार्ड से उन्हें कमीशन मिल जाता था, जिससे सेंटर चलाने में मदद मिलती थी। अभी सेंटर का किराया, स्टाफ की सैलरी, बिजली का बिल समेत कई खर्चे होते हैं। ऐसे में आधार कार्ड बनाने का काम छिनने के बाद सेंटर चलाने में भी दिक्कत होगी।
इस मामले में चिप्स के अफसरों का कहना है कि च्वाइस सेंटर वालों को विकल्प दिया गया है वे चाहे तो अपना सेटअप सरकारी सेंटरों में भी लगा सकते हैं। इसके लिए उनसे आवेदन भी मंगाए गए हैं। इस पर सेंटर वालों का कहना है कि लोक सेवा केंद्रों में बैठकर काम करने पर उनका कमीशन कम कर दिया गया है। इससे उन्हें खास लाभ नहीं होगा। यही वजह है कि कुछ सेंटर वालों ने इस काम लिए सहमति दी है।
आईडी खोलना-ब्लॉक करना अब सबकुछ चिप्स के हवाले
आधार कार्ड बनाने नई आईडी देने और कुछ गलती होने पर ब्लॉक करने का अधिकार एनआईसी हैदराबाद वालों के पास था। लेकिन अब च्वाइस सेंटरों से सुविधा हटाने के बाद सभी तरह के काम चिप्स के हवाले कर हैं। चिप्स वाले ही तय करेंगे कि किसे आधार कार्ड बनाने की अनुमति देना है और किसे नहीं।
गड़बड़ी होने पर आईडी ब्लॉक करने और सर्वर में किसी तरह की खराबी आने पर उसमें सुधार भी चिप्स वाले ही करेंगे। ऑनलाइन तकनीकी खराबी आने पर कई बार बड़ा समय लगता है। ऐसे में भविष्य में भी सर्वर में खराबी आती है तो चिप्स वालों को ठीक करने में खासा समय लगेगा।
सरकारी सेंटरों में कमीशन भी कम कर दिया
च्वाइस सेंटर के संचालकों ने बताया कि पहले उन्हें आधार कार्ड बनाने में 100 रुपए तक कमीशन मिलता था। लेकिन अभी सरकारी सेंटरों में बैठने वाले संचालकों से कहा गया है कि उन्हें प्रति कार्ड 75 रुपए का भुगतान किया जाएगा। इस वजह से भी सेंटर संचालक सरकारी सेंटरों में जाने के इच्छुक नहीं है। चिप्स की ओर से आवेदन मंगाने की तारीख भी खत्म हो गई है। इसलिए अब च्वाइस सेंटर वाले सरकारी सेंटरों में बैठने के लिए आवेदन भी नहीं कर सकते हैं।