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UPI पर पैसे गलत भेजे? NPCI के नए नियम से मिलेगी राहत, जानिए कैसे

आजकल सब्जी वाले से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग तक, हर जगह UPI का इस्तेमाल आम बात हो गई है। लेकिन जरा सोचिए, अगर आप गलती से किसी गलत UPI ID पर पैसा भेज दें, तो कितनी परेशानी होती है! अब इस तरह की मुश्किलों से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि NPCI (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) ने इस समस्या का हल निकाल लिया है।

NPCI ने बैंकों को यह अधिकार दिया है कि वे असली UPI विवादों पर — जैसे धोखाधड़ी, फेल हुए ट्रांजैक्शन, या व्यापारी से जुड़ी शिकायतों पर — बिना NPCI की पूर्व अनुमति के ही कार्रवाई कर सकेंगे। यानी अगर आपने किसी गलत अकाउंट में पैसे भेज दिए, या ट्रांजैक्शन फेल हो गया, तो बैंक खुद ही तेजी से चार्जबैक प्रोसेस शुरू कर सकते हैं।

NPCI के नए सर्कुलर (184B/2025-2026) के मुताबिक, बैंकों को 'अच्छी नीयत' वाले मामलों में, चाहे पहले की अपीलें रिजेक्ट हो चुकी हों, अब खुद ही चार्जबैक उठाने की अनुमति मिल गई है। पहले NPCI का सिस्टम बार-बार रिजेक्ट हुए विवादों को आगे बढ़ने से रोक देता था, जिससे ग्राहकों को पैसे वापस मिलने में देरी होती थी।

इस नए सिस्टम को RGNB (Remitting Bank Raising Good Faith Negative Chargeback) नाम दिया गया है, जो 15 जुलाई 2025 से लागू होगा। इसके तहत बैंक अपनी जांच के बाद अगर सही मानें, तो तुरंत चार्जबैक का प्रोसेस दोबारा शुरू कर सकते हैं।

हालांकि NPCI ने चेतावनी दी है कि इसका गलत फायदा उठाकर कोई मुआवजे या पेनल्टी से बचने की कोशिश न करे, वरना कड़ी कार्रवाई होगी। RGNB का इस्तेमाल सिर्फ असली विवादों में किया जाना चाहिए, जैसे — धोखाधड़ी से पैसे निकल जाना, डुप्लीकेट पेमेंट, फेल पेमेंट या व्यापारी द्वारा सेवा/सामान ना पहुंचाना।

याद रहे, हर महीने 11.4 बिलियन से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन होते हैं, और थोड़ी सी गड़बड़ी लाखों लोगों को प्रभावित कर सकती है। NPCI का यह नया नियम उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत साबित होगा।

किन मामलों में मिलेगा फायदा?

RGNB मैकेनिज्म उन सभी कॉमन UPI मामलों पर लागू होगा, जहां ग्राहकों को रिफंड की जरूरत होती है. इसमें शामिल हैं-

अनअथराइज्ड ट्रांजैक्शन: जब आपके खाते से किसी और ने बिना आपकी जानकारी के पैसे निकाल लिए हों.

फेल्ड ट्रांजैक्शन: जब आपने पेमेंट किया लेकिन रिसीवर को पैसे नहीं पहुंचे.

मर्चेंट विवाद: जब आपने पैसे दिए लेकिन सामान या सर्विस नहीं मिली.

डुप्लीकेट या गलत ट्रांसफर: जब एक ही ट्रांजैक्शन दो बार हो जाए या गलत UPI ID पर पैसा चला जाए.



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