
भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माण करने वाला देश
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माण देश बन गया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि भारत का मोबाइल फोन निर्यात एक दशक में 127 गुना बढ़ गया है और यह 1,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने बताया कि मोबाइल उत्पादन में 28-गुना वृद्धि हुई है और यह 18,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। जवाब में बताया गया कि एलएसईएम के लिए पीएलआई योजना ने पहले ही 12,390 करोड़ रुपये का संचयी निवेश आकर्षित किया है, जिससे 8,44,752 करोड़ रुपये का संचयी उत्पादन हुआ है, 4,65,809 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है और जून 2025 तक 1,30,330 अतिरिक्त रोजगार उत्पन्न हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने लिखित उत्तर में बताया कि आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना 2.0 ने 717.13 करोड़ रुपये का संचयी निवेश आकर्षित किया है, जिससे 12,195.84 करोड़ रुपये का संचयी उत्पादन हुआ है और जून 2025 तक 5,056 अतिरिक्त रोजगार सृजित हुए हैं। साथ ही, मंत्री ने कहा कि 2014-15 में देश में कुल मोबाइल फोन की मांग का 75% आयात के माध्यम से पूरा किया गया था, जो अब 2024-25 में घटकर 0.02% रह गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों के दौरान यानी वित्तीय वर्ष 2020-21 से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 4,071 मिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ है, जिसमें 2,802 मिलियन अमेरिकी डॉलर का संचयी एफडीआई का योगदान एमईआईटीवाई के पीएलआई लाभार्थियों द्वारा दिया गया है। मोदी सरकार की अन्य योजनाओं के साथ ही राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2019 के तहत पीएलआई यानि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना से मोबाइल विनिर्माण को बढ़ावा मिला है। जिससे बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।