
बिना स्कूल जाए ले रहे हैं वेतन, कोई कर रहा पंचायत में प्रतिनिधि का काम तो किसी को करवानी है पत्नी की ज्वानिंग.
सरायपाली. शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पंडरीपानी एवं तिलईपाली में पदस्थ शिक्षक स्कूल से ज्यादा पंचायत प्रतिनिधि के तौर पर गाँव में ध्यान देते हैं. जिससे स्कूल की पढ़ाई व्यवस्था चरमरा गई है और केवल उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कभी-कभी ही शिक्षक स्कूल पहुँचते हैं. आज तो पंडरीपानी में पदस्थ शिक्षक बायोमेट्रिक उपस्थिति देने के बाद घर के काम से जाने की बात कहते हुए गायब हो गए. वहीं तिलईपाली स्कूल के शिक्षक भी बिना कोई कारण बताए स्कूल से नदारद थे. ग्रामीणों की समझाईश के बावजूद भी इनके रवैये में सुधार नहीं हो रहा है, इससे ग्रामीण भी अब उनके जगह पर अन्य शिक्षक की मांग करने लगे हैं.
पंडरीपानी स्कूल में पदस्थ शिक्षक गिरधारी भोई ग्राम पंचायत जलपुर में सरपंच प्रतिनिधि का कार्य देखते हैं. ग्रामीणों की माने तो ये शिक्षक पंचायत में अधिक और स्कूल में बहुत कम जाते हैं. इसकी सत्यता जांचने आज जब स्कूल परिसर जाकर निरीक्षण किया गया तो ग्रामीणों की शिकायत सही पाई गई और उक्त शिक्षक बीईओ ऑफिस में काम से जाने की बात कहते हुए स्कूल में बॉयोमिट्रिक उपस्थिति देने के बाद से नदारद थे. वहां के स्कूली बच्चों, पालकों एवं ग्रामीणों ने बताया कि उक्त शिक्षक कभी कभार ही स्कूल आते हैं और स्कूल में भी पूरे टाईम नहीं रूकते, वहीं विगत 3-4 दिनों से स्कूल नहीं आने की भी बात कुछ ग्रामीणों ने कही है. शिक्षक द्वारा मनमानी ढंग से स्कूल जाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और वहां के बच्चे केवल एक शिक्षक पर ही आश्रित हैं. जलपुर के ग्रामीणों से भी उक्त शिक्षक एवं सरपंच प्रतिनिधि के बारे में जानकारी लिया गया तो उन्होने भी बताया कि स्कूल समय में वे अधिकतर पंचायत कार्य में व्यस्त रहते हैं.
ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत बिजातीपाली के आश्रित ग्राम तिलईपाली में पदस्थ शिक्षक कामपाल नंद का भी है. वे भी हफ्ते में एक से दो दिन ही स्कूल जाते हैं. जिसकी पुष्टि वहां के प्रधान पाठक एवं बच्चों ने की है. कामपाल नंद बिजातीपाली पंचायत में प्रतिनिधि का कार्य भी संभालते हैं. ये दोनो शिक्षक स्कूल से ज्यादा पंचायत एवं जनपद में अधिक नजर आते हैं. नंद की शिकायत पूर्व में ग्रामीणों द्वारा बीईओ ऑफिस में की गई थी, जिसके निरीक्षण में बीईओ, बीआरसी एवं संकुलसमन्वयक पहुंचे हुए थे. उन्हें स्पष्टीकरण का नोटिस भी थमाया गया था. उसके अलावा वेतन रोकने की कार्यवाही भी उनके द्वारा की जा चुकी है.
इसके बावजूद नियमित स्कूल आने में वे रूचि नहीं दिखाते. यहां भी केवल एक शिक्षक के भरोसे 5 कक्षाएं आश्रित हैं. जबकि इस संबंध में प्राथमिक शाला पंडरीपानी के प्रधान पाठक लक्ष्मीकांत प्रधान से पूछा गया तो उन्होने बताया बायोमेट्रिक उपस्थिति देने के बाद भोई सर अपनी पत्नी को बेहरापाली प्राथमिक शाला में ज्वाईनिंग करवाने की बात कहते हुए बीईओ ऑफिस गए हैं.
इसी तरह प्राथमिक शाला तिलाईपाली के प्रधानपाठक यादराम साहू ने नवभारत को बताया नंद सर काम रहता है तो चले जाते हैं. सप्ताह में दो-तीन दिन अनुपस्थित रहते हैं. वहीं संकुल समन्वयक मोतीराम पटेल ने बताया निरीक्षण में जाने से श्री नंद अधिकांश अनुपस्थित रहते हैं, जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है. स्पष्टीकरण एवं वेतन रोकने की कार्यवाही भी की जा चुकी है. अश्विनी कुमार महापात्र पंडरीपानी पूर्व शाला विकास समिति अध्यक्ष ने भी बताया कि कभी-कभार ही शिक्षक श्री भोई आते हैं, आते है तो वे जल्दी चले जाते हैं. उनके कार्यकाल में उन्हें नियमित आने चेतावनी भी दिया गया था.
इस संबंध में बीईओ डी एस राजपूत ने नवभारत को बताया कि पंडरीपानी एवं तिलाईपाली स्कूल में शिक्षक नहीं पहुंचने की जानकारी मुझे नहीं है, आपके माध्यम से मुझे जानकारी मिल रही है. निरीक्षण उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी. शिक्षक स्कूल नहीं जाने के संबंध में प्रधान पाठक एवं संकुल समन्वयक के द्वारा लिखित जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि इस पर तत्काल कार्यवाही की जा सके.