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महासमुंद : अमानक डी.ए.पी. उर्वरक पर लाइसेंस निरस्तीकरण एवं राजसात की कार्रवाई जारी

कृषि विभाग की जिला स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा मेसर्स लक्ष्मी कृषि सेवा केन्द्र, खट्टी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए अमानक डी.ए.पी. उर्वरक के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है। ग्राम परसदा एवं हिच्छा के किसानों द्वारा की गई शिकायत पर उप संचालक कृषि एफ.आर. कश्यप एवं अनुविभागीय कृषि अधिकारी भीमराव घोड़ेसवार ने ग्राम परसदा के किसान सिन्हा के यहां निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि डी.ए.पी. उर्वरक नमीयुक्त एवं निम्न स्तर का है।

उर्वरक निरीक्षक उमेश चंद्राकर द्वारा लक्ष्मी कृषि सेवा केन्द्र से नमूना लेकर उसे उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला, लाभांडी रायपुर भेजा गया था, जहाँ से अमानक होने की पुष्टि हुई। संबंधित फर्म के उर्वरक प्राधिकार पत्र निरस्तीकरण की कार्यवाही चल रही है तथा अमानक डी.ए.पी. की राजसात कार्रवाई भी होगी।

इसी तरह पूर्व में समलेश्वरी कृषि सेवा केन्द्र, परसकोल में अवैध रूप से रखे गए 57 बोरी डी.ए.पी. को राजसात कर 18,742 शासन के खजाने में जमा किया गया। कार्रवाई में डॉ. परमजीत सिंह कंवर, उमेश चंद्राकर, ब्रजेश तुरकाने, मनोज पटेल, मुरली पटेल और ओमप्रकाश चंद्राकर सहित निरीक्षण दल के सदस्य उपस्थित थे। उप संचालक कृषि कश्यप ने बताया कि जिले में अमानक उर्वरक विक्रय एवं अवैध भंडारण के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सतत जारी रहेगी।


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