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महासमुंद : निजी नर्सिंग होम संचालक एवं सोनोग्राफी करने वाले चिकित्सकों की समीक्षा सह उन्मुखीकरण कार्यशाला

कलेक्टर एवं जिला समुचित प्राधिकारी कलेक्टर  विनय कुमार लंगेह की अध्यक्षता में जिले के समस्त निजी नर्सिंग होम संचालक एवं सोनोग्राफी केन्द्रों मे सोनोग्राफी करने वाले चिकित्सकों का समीक्षा सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित किया गया। 

इस अवसर पर कलेक्टर लंगेह ने विकासखंडवार निजी नर्सिंग होम एवं सोनोग्राफी केन्द्रो के संचालन के संबंध में जानकारी ली। 

उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला नोडल अधिकारी (नर्सिंग होम एक्ट व पीसी-पीएनडीटी) के माध्यम से समस्त नर्सिंग होम एवं सोनोग्राफी केन्द्रो के वैध लाइसेंस, नवीनीकरण, फॉर्म एफ एन्ट्री तथा निरीक्षण की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। कलेक्टर ने समस्त केन्द्रो से कानूनी अनुपालन जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्राधिकार, अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र, फायर ऑडिट आदि का शत प्रतिशत पालन करने के निर्देश दिए। साथ ही जैव चिकित्सा अपशिष्ट निपटान के लिए नियमानुसार सामान्य जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधा केन्द्र रायपुर से अनुबंध या डीप पीट व शार्प पीट के माध्यम से करने के संबंध मे निर्देशित किया गया।

कलेक्टर ने समस्त निजी नर्सिंग होम संचालकों को उनके संस्था मे उपचार के लिये आने वाले मरीजों को शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड का लाभ देने के निर्देश दिए गए। उन्होंने निजी नर्सिंग होम संचालकों से किसी क्षेत्र विशेष मे नशीली दवाओं के सेवन संबंधी केस तथा क्षेत्र विशेष मे किसी विशेष प्रकार के रोग की अधिकता पाए जाने पर जिला प्रशासन को तत्काल अवगत कराने के निर्देश दिए।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आई. नागेश्वर राव द्वारा समस्त निजी नर्सिंग होम संचालकों को राष्ट्रीय कार्यक्रम - राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम आदि के शंकास्पद मरीज आने पर संबंधित विकासखंड के खंड चिकित्सा अधिकारी को निर्धारित मासिक प्रारूप मे जानकारी देने हेतु निर्देशित किया गया। 

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत स्त्री रोग विशेषज्ञां एव रेडियोलॉजिस्ट से प्रत्येक माह के 09 एवं 24 तारीख को उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की जांच मे स्वेच्छापूर्ण तरीके से भागीदारी हेतु अपील किया गया।

साथ ही शासन के निर्देशानुसार बच्चों में कफ सिरप एवं कोल्ड मेडिकेशन का औचित्यपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इस अवसर पर डॉ. छत्रपाल चन्द्राकर, जिला नोडल अधिकारी (नर्सिंग होम एक्ट व पीसी-पीएनडीटी एक्ट), नीलू धृतलहरे, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एवं समस्त निजी नर्सिंग होम संचालक एवं सोनोग्राफी करने वाले चिकित्सक मौजूद थे।


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