news-details

रायगढ़ : पी.डी. कॉलेज में वाणिज्य स्नातकोत्तर विद्यार्थी परिषद का गठन

जिले के नामचीन शासकीय पालू राम धनानिया महाविद्यालय रायगढ़ में बुधवार दिनांक 08 अक्टूबर 2025 को एक दिवसीय कार्यक्रम अंतर्गत वाणिज्य संकाय के स्नातकोत्तर विद्यार्थी परिषद का गठन किया गया। गठन विधि संवत रूप से पूर्ण पारदर्शिता रखते हेतु निर्धारित चयन समिति और विद्यार्थियां की उपस्थिति में किया गया। जिसमें शीर्ष अंकधारी प्राथमिकता पर रहे। वहीं, श्रेणीवार उच्च क्रम में होने के बाद भी ऐसे विद्यार्थी जो इस परिषद में पदभार ग्रहण नहीं बनना चाहते थे, उनके स्थान पर अगले उम्मीदवार को स्थान दिया गया।

कार्यक्रम निर्धारित समय काल में प्राचार्य डॉ. सुशील कुमार एक्का की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। वर्षों पूर्व ही सेवानिवृत्त हो चुके प्राध्यापक श्री महेंद्र सिंह खनूजा मुख्य अतिथि के रूप में मंचासीन रहे। डॉ. एक्का ने उनका सम्मान किया और बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी। साथ ही उनके कार्यकाल में आईं बहुतेरी जटिलताओं और चुनौतियों के त्वरित निराकरण, उनकी अनुषासनषील कार्यषैली सहित अन्य महाविद्यालय के अद्यतन विकास पथ पर अनेका-नेक गतिविधियों संबंधित निर्णयों को उजागर करते हुए उनके अनुभवी नेतृत्व में बिंदुवार उपलब्धियों का सार-संक्षेप में विवरण प्रस्तुत किया।

तत्पश्चात, कार्यक्रम संयोजक एवं वाणिज्य विभाग की अध्यक्ष डॉ. ज्योति सोनी ने आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अतिथियों एवं आगंतुकों का स्वागत सत्कार और विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों में विधि विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप शर्मा ने इस नव-गठित परिषद के पदाधिकारियां को विधि सम्मत संचालन करने और करवाने की प्रेरणा एवं समझाईश दी। इसी क्रम में, उन्होंने विधिक सेवा केन्द्र और उसकी उपयोगिता एवं महत्व पर प्रकाष डाला। वहीं, प्राध्यापक एवं राष्ट्रीय सेवा योजना महिला इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ऊषा नायक ने रा.से.यो. के महत्वाकांक्षी गुण मंत्र बतलाकर उनकी ध्यानाकर्षित किया।

ओर विद्यार्थियों का ध्यानाकर्षित किया। इधर, मंच संचालन कर रही प्राध्यापक एवं आई.क्यू.ए.सी. समन्वयक डॉ. हेम कुमारी पटेल ने मंजे हुए शब्दों में कहा की “राह जहां तक जाएगी, नदी वहीं तक बह पाएगी। निशाना साधो और देखा, तीर कहां तक भेद सका“। कुल मिलाकर उन्होंने नव-गठित वाणिज्य विद्यार्थी परिषद को एक कर्णधार की भांति अपने सार्थियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने का संदेष दिया।

इसके बाद मुख्य अतिथि डॉ. महेन्द्र सिंह खनूजा ने कमान संभाली और अपने सारे जीवन के अनुभवों को दिल खोल कर रख दिया। उन्होंने विद्यार्थियों से बूंद-बूंद से घड़ा भरने वाली सीख और सटीक लक्ष्य तय करने के बाद भी घड़ी के पेंडुलम की तरह इधर-उधर ना डोलने और लगन पूर्वक सही दिषा में आगे बढ़ते रहने की अपील की। बढ़ते क्रम में, वे कहते हैं कि उन्हें मशहूर होने की ख्वाहिश नहीं है, बस आप मुझे जानते हैं, इतना ही काफी है। बता दें कि उन्होंने लंबे दौर की महाविद्यालयीन सेवा में तीन पीढ़ियों तक को पढ़ाया है। डॉ. खनूजा ने मीठे बोल के अल्फाजों में होने वाली जान, हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध, जैन चाहे कोई भी धर्म या संप्रदाय, जाति अथवा जनजाति हा,े आरती हो, अज़ाद हो या जान इनमें जो भी आपके ईस्ट अथवा गुरू हों, उनके समक्ष पूरी निष्ठा से नतमस्तक रहने की बात करते हुए इसी को हमारी पहचान बताई।

समापन सत्र में, मुख्य अतिथि डॉ. खनूजा ने प्राचार्य सहित सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों को इस महत्वपूर्ण परिषद की कार्यकारिणी को सौंपे गए दायित्वों का महाविद्यालय के विकास और विद्यार्थी हित में साथ देकर सार्थक कदम उठाने की शपथ दिलाई। इस दौरान, अतिथि व्याख्याता डॉ. किषोर कुमार माली और डॉ. ममता साहू ने मुख्य अतिथि डॉ. खनूजा को सूर्य की भांति चमकता सितारा जो कभी अस्त नही होता, ऐसा कह कर आभार व्यक्त किया। 

उल्लेखनीय है कि कार्यालयीन कर्मचारियों में मुख्य लिपिक पन्नालाल सोन, लिपिक राम बजरंग थवाईत, कर्मचारी  शिव कुमार साव,  मीनकेतन निर्मलकर व श्री संतोष यादव सहित अन्य संलग्नों का योगदान सराहनीय रहा।

युवाओं को अतिशयोक्ति नहीं, अपितु वास्तविकता की सीख कार्यक्रम में यह भी बताया गया की प्राचीन काल में हम पत्तों में भोजन करते थे, तो मेहमान हरा-भरा महसूस करता था। फिर मिट्टी व टीन के बर्तनों ने जगह ली और अब उपयोग में आने वाले कांच के बर्तन टूट जाते हैं। आज-कल के दिनों में तो यूज एंड थ्रो वाले प्लास्टिक के बर्तनों की तरह हम मूल कर्तव्यों को भूलते जा रहे हैं। इसलिए, युवाओं को चाहिए कि आंखों में उम्मीदें, उड़ता हुआ मन बिलकुल भी न भटकाएं और दुनिया को मुट्ठी में करने की चाहत से परिषद को ऐसा मिल-जुल कर चलाया जाए की आने वाली हर चुनौती का सामना दृढ़ता से किया जा सके ताकि सर्वांगीर्ण उत्थान की हर दशा और दिशा दोनों सही हो।

ये रहे स्नात्कोत्तर वाणिज्य परिषद कार्यकारिणी के सदस्य

अमीशा बेहरा, षिखा शर्मा, रिंकी साव, अनिता राठिया, राधिका तुरी, गुलषन साहू, अमित गुप्ता, प्रषांत मेहर, नंदिनी, आराधना, किरण, जीनी, लेखराज चौहान, षिव नारायण पटेल, पुष्पा श्रीवास।


अन्य सम्बंधित खबरें