पिथौरा : फुलझर सेवा समिति के मंत्री के आदेश से 58 बच्चो का भविष्य अधर में।
पिथौरा । शासन की मंशा है कि प्रत्येक स्कूलो में पर्याप्त संख्या में शिक्षक की व्यवस्था हो। ताकि बच्चो की पढाई बाधित ना हो। लेकिन पिथौरा ब्लाक के बरनाईदादर संकुल अन्तर्गत फुलझर प्राथमिक शाला राजपुर में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खडे हो गए है। यहां लगभग 58 विद्यार्थी अध्ययनरत है। लेकिन स्कूल में अब मात्र एक प्रधानपाठक और एक भृत्य कार्यरत है। पूर्व में एक शिक्षक की नियुक्ति की गई थी, किन्तु एक सप्ताह बाद ही उसे पथरला हाईस्कूल में भेज दिया गया। जिससे राजपुर प्राथमिक शाला अब एकल शिक्षकीय बन चुका है।
यह मामला आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास द्वारा सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजो से उजागर हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वेदप्रकाश मनहरा की नियुक्ति फुलझर प्राथमिक शाला राजपुर में 15 अप्रैल 2022 को की गई थी। किन्तु फुलझर सेवा समिति के मंत्री विद्याभूषण सतपथी ने एक सप्ताह बाद आदेश जारी कर उन्हे पथरला फुलझर हाईस्कूल में अध्यापन कार्य हेतु भेज दिया। वर्तमान में वेदप्रकाश मनहरा नौवी एवं दसवी कक्षा के विद्यार्थियो को पढा रहे है।
इस संबंध में मंत्री विद्याभूषण सतपथी ने बताया कि पथरला हाईस्कूल में शिक्षको की कमी है। जिस कारण से वेदप्रकाश मनहरा को मैने अध्यापन कार्य हेतु व्यवस्था की है। वही राजपुर स्कूल में ग्राम पंचायत एवं शाला विकास समिति के प्रस्ताव से एक शिक्षा मित्र की व्यवस्था कराया हूं।
पथरला हाईस्कूल के प्राचार्य गेरूलाल चौधरी ने बताया कि वेदप्रकाश मनहरा को इस स्कूल में मंत्री फुलझर सेवा समिति के आदेश से व्यवस्था की गई है। जो नौवीं व दसवीं के बच्चो को पढाते है। संकुल प्रभारी सुरेन्द्र भोई ने बताया कि फुलझर सेवा समिति के द्वारा वेदप्रकाश मनहरा की नियुक्ति की गई और स्कूल का संचालन भी समिति ही करता है। फुलझर सेवा समिति अपने स्तर पर ही निर्णय लेती है, और उन्हे कोई पूर्व जानकारी नही दी जाती है। यही बात संकुल समन्वयक सोमनाथ चौहान ने भी बताया।
उल्लेखनीय है कि फुलझर सेवा समिति को शासन से अनुदान राशि प्राप्त होता है। जिसके माध्यम से स्कूल का संचालन शासन के नियमो एवं दिशा निर्देशो के अनुरूप किया जाना चाहिए। लेकिन फुलझर सेवा समिति में मंत्री के एकछत्र नियत्रंण के चलते मनमाने निर्णय लिए जा रहे है। इस प्रकरण की शिकायत उच्च स्तर पर की जा रही है। ताकि दोषियो पर कार्रवाई हो सके और बच्चो की शिक्षा प्रभावित ना हो।