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खुद से करें सवाल, क्या सांस लेने योग्य है बसना नगर की हवा ? क्या अब नगर में घुटने लगा है आपका दम ?

बसना नगर को कभी राष्ट्रपति से स्वछता के लिए पुरस्कृत किया गया था. लेकिन आज बसना नगर की स्थिति ऐसी हो चुकी है कि यहाँ सांस लेना भी अब जानलेवा हो चूका है. सड़कों पर हर तरफ केवल धुल ही धुल है, यहाँ की हवा अब सांस लेने योग्य नहीं नहीं है. यहाँ के वातावरण से नागरिकों का दम घुट रहा है, लेकिन फिर भी यहाँ के नागरिक प्रशासन से सवाल करने की बजाय चुप्पी साधे हुए हैं.

बसना नगर में पहले केवल पदमपुर रोड़ के स्थानीय निवासी धुल भरी सांस लेने को मजबूर थे, लेकिन नगर में एक और नए गौरव पथ बनने से स्थिति ऐसी हो चुकी है कि बसना के मुख्य मार्ग में भी अत्यंत धुल उड़ रही हैं. नगर में हर तरफ केवल धुल ही धुल नजर आते है. लेकिन यह धुल नहीं दिखती है तो नगर पंचायत के उन अधिकारीयों को जिन्हें नगर को स्वच्छ वातावरण में रखने की जिम्मेदारी होनी चाहिए.

इस नगर पर गौरव पथ का कार्य कछुए की चाल से भी धीमी गति से किया जा रहा है. गौरव पथ पर किया हुआ गुणवत्ताहीन कार्य अब नागरिकों को खुली आखों से नजर आने लगा है, लेकिन शायद यहाँ के नागरिक अपने मन को इस बात से तसल्ली दे देते हैं कि कार्य तो अभी प्रगति पर है.

गौरव पथ पर जिस तरह का कार्य किया गया है उसे देखकर लगता है कि यहाँ धुल अब लम्बे अरसे तक उड़ने वाली है, जो आपके और भविष्य में आपके बच्चे के लिए खतरे की घंटी ही सकती है. नगर में इस तरह की उड़ने वाली खतरनाक धुल से कई प्रकार की गंभीर बिमारी से आप ग्रसित हो सकते हैं, और हो सकता है कि यह बीमारी भी लाईलाज हो.

धूल भरी हवा में लागतार साँस लेने से धूल के कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जैसे - अस्थमा और एलर्जी, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, फेफड़ों के कैंसर यह बीमारी जानवेला होने के साथ लाईलाज भी है.

इस प्रदुषण से इतनी गंभीर समस्या होने के बावजूद भी अधिकारी अपने कर्तव्यों से विमुख हो रहे हैं, इस संबंध में बसना नगर पंचायत के सीएमओ सूरज सिदार को एक नहीं दो नहीं बल्कि चार बार फ़ोन लगाया गया, फ़ोन प्राप्त हुए उनके दोनों नंबरों पर लगाया गया लेकिन उन्होंने ना तो फोन उठाना जरुरी समझा और ना ही वापस काल कर संपर्क कर समस्या जानने का प्रयास किया.

आपको बता दें सीएमओ सूरज सिदार को अब बसना नगर में कार्यभार सम्हाले एक लम्बा अरसा हो चूका है, बसना नगर में भी इस बार अध्यक्ष पद हेतु लोगों ने अपना मतदान नहीं किया, निर्विरोध यहाँ अध्यक्ष चुना गया. कुछ पार्षद जीत के जोश में कुछ दिन कचरा साफ करते दिखाई दिए, जो अब ईद का चाँद हो चुके है.


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