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पीएम श्री सेजेस बसना में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई

शासन के निर्देशानुसार एवं प्राचार्य के. के. पुरोहित के मार्गदर्शन में पीएम सेजेस बसना में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ अत्यंत हर्ष और देशभक्ति के माहौल में मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत दिखाई दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य के. के. पुरोहित द्वारा दीप प्रज्वलन एवं वंदे मातरम के सामूहिक गायन से किया गया। विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं स्टाफ सदस्यों ने पूरे जोश और श्रद्धा के साथ वंदे मातरम का गायन किया। गायन के समय वातावरण देशभक्ति की भावना से गूंज उठा।



प्राचार्य के. के. पुरोहित ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस गीत की रचना बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जी ने वर्ष 1875 में अपने प्रसिद्ध उपन्यास आनंद मठ में की थी। बाद में यदुनाथ भट्टाचार्य जी ने इसे संगीतबद्ध कर इसे और अधिक भावपूर्ण बना दिया।

उन्होंने आगे कहा कि वंदे मातरम गीत ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लाखों भारतीयों के हृदय में देशप्रेम की ज्वाला प्रज्वलित की थी। यह गीत भारत के वीर सपूतों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा वंदे मातरम पर सुंदर समूहगान, भाषण, देशभक्ति कविता पाठ एवं पोस्टर प्रस्तुति जैसी विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। विद्यालय के छात्र–छात्राओं ने वंदे मातरम गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उसके अर्थ और देश के प्रति इसके महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।



कार्यक्रम में शिक्षकों ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि इस गीत ने हमें एकता, समर्पण और मातृभूमि के प्रति प्रेम का सशक्त संदेश दिया है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे सदैव अपने देश और संस्कृति पर गर्व करें तथा वंदे मातरम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें।



कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान गाकर समारोह का समापन किया गया। सभी उपस्थित लोगों ने एक स्वर में “वंदे मातरम! भारत माता की जय!” के उद्घोष से वातावरण को देशभक्ति से भर दिया।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में विद्यालय के सभी शिक्षक–शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों का विशेष सहयोग रहा।


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