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बसना : 365 दीपों की रौशनी से जगमग हुआ गुढ़ियारी, राजा देवेंद्र बहादुर सिंह ने किया दीपदान का शुभारंभ

रास पूर्णिमा महोत्सव में भक्ति, परंपरा और संस्कृति का अद्भुत संगम

सी डी बघेल। समीपस्थ ग्राम गुढ़ियारी में इस वर्ष भी रास पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन परंपरागत आस्था और भक्ति के साथ बड़े ही हर्षोल्लास से किया गया। ग्राम की नई पीढ़ी द्वारा सदियों पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पांचवें दिन 365 दीपों का सामूहिक दीपदान किया गया, जिससे पूरा ग्राम आलोकित हो उठा। दीपों की झिलमिलाती रौशनी ने वातावरण को आध्यात्मिक आभा से भर दिया।

महोत्सव का शुभारंभ फुलझर रियासत के राजा, राजा देवेंद्र बहादुर सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि रास पूर्णिमा महोत्सव हमारी भारतीय संस्कृति और भक्ति परंपरा का प्रतीक है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक एकता और लोकसंस्कृति के संवर्धन का भी माध्यम है। आज यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता होती है कि नई पीढ़ी श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ पांच दिनों तक चलने वाली इस परंपरा को हर साल निरंतर आगे बढ़ा रही है। यह हमारे पूर्वजों की धरोहर है, जिसे सहेजना हमारा दायित्व है। 

राजा देवेंद्र बहादुर सिंह ने राधा-कृष्ण के चरणों में फुलझर अंचल के साथ पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश तथा देश की सुख शांति, समृद्धि और खुशहाली के लिए कामना की। उन्होंने कहा कि रास पूर्णिमा की यह रात्रि भगवान श्रीकृष्ण राधा की दिव्य रास लीला की स्मृति को जीवंत करती है, जिसमें प्रेम, त्याग और भक्ति का अनंत संदेश निहित है। दीपदान के पश्चात पूरे ग्राम में भक्ति संगीत की गूंज फैल गई। मंच पर राजा देवेंद्र बहादुर सिंह एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया गया। मंच संबोधन के पश्चात राजा देवेंद्र बहादुर सिंह , ग्राम गौटिया सुशील दीवान एवं विशिष्ट अतिथियों के द्वारा राधा कृष्ण की मूर्ति के समक्ष पूजा अर्चना कर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की इसके पश्चात राजा देवेंद्र बहादुर सिंह ने सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर दीपदान का शुभारंभ किया। 

राजा देवेंद्र बहादुर सिंह के अलावा सभी विशिष्ट अतिथियों एवं ग्राम प्रमुखों युवाओं के द्वारा पारिवारिक से दीप प्रज्वलित कर दीपदान किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में राजा देवेंद्र बहादुर सिंह फिर से स्टार्ट आते थे के रूप में मनजीत सिंह सलूजा, इस्तियाक खेरानी, टिकेश्वर पटेल, राजेन्द्र गुप्ता, विजय कुमार साहू, कमलेश अग्रवाल, भागीरथी दास,रविशंकर कश्यप, केशव पटेल, गौटिया सुशील दीवान, बंशीधर चौधरी, धनीराम दास, हेमसागर चौधरी , मदन पटेल, सरोज जगत, जयंत दीवान, मुरली पटेल, उमाशंकर नायक , उपेन्द्र दाऊ, करुण, प्रकाश जगत, संजय दास, प्रकाश दास, सरस्वती युवा समिति के सभी पदाधिकारी गण, एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इसके पश्चात कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।

जिसका श्रद्धालुओं ने भरपूर आनंद लिया । और युवाओं ने राधा-कृष्ण की झांकियां प्रस्तुत कीं। सुबह कार्यक्रम का समापन किया गया। इस दौरान भजन-कीर्तन, मृदंग और झांझ की मधुर ध्वनि से वातावरण पूर्णतः आध्यात्मिक हो गया। ग्राम की महिलाओंएवं युवाओं ने आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने दीप सज्जा, प्रसाद वितरण, भक्ति गीत और पारंपरिक नृत्यों के माध्यम से कार्यक्रम को और भी भव्य बनाया। अंत में महाप्रसाद वितरण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर प्रसाद ग्रहण किया। ग्रामीणों ने इस आयोजन को हर वर्ष और अधिक व्यापक रूप में मनाने का संकल्प लिया। गुढ़ियारी का यह रास पूर्णिमा महोत्सव अब केवल गुढ़ियारी ग्राम का उत्सव नहीं, बल्कि फुलझर अंचल की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है । जहाँ भक्ति, संस्कृति और लोकपरंपरा एक साथ दीपों की लौ में झिलमिलाते हैं।


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