महासमुंद : सोलर रूफटॉप सिस्टम पर केंद्र से 78,000 रुपये और राज्य से 30,000 रुपये तक की सब्सिडी
ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूत करते हुए केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के रूप में एक बदलावकारी कदम उठाया है। यह योजना आम नागरिकों को अपने ही घर की छत पर सूरज की रोशनी से बिजली बनाने का अवसर देती है, जिससे परिवार न केवल महंगे बिजली बिलों से राहत पा रहे हैं बल्कि ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं। सरकार 3 से 5 किलोवाट के सोलर रूफटॉप सिस्टम पर केंद्र से 78,000 रुपये और राज्य से 30,000 रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध करा रही है, जिससे लोगों में सौर ऊर्जा अपनाने की नई उम्मीद और उत्साह देखा जा रहा है। इस पहल से आम जनता को आर्थिक राहत मिलने के साथ ही अक्षय ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा मिल रहा है।
महासमुंद जिले में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए 5597 उपभोक्ताओं द्वारा आवेदन किया गया हैं एवं तेजी से नए फॉर्म भरे जा रहे हैं। अभी तक 5098 हितग्राहियों द्वारा वेंडर का सेलेक्शन कर लिया गया है। 1576 उपभोक्ताओं के घरों में सूर्य घर बिजली योजना से जिंदगी रोशन हो रहे है।
ईमली भाठा महासमुंद निवासी द्रोपती दीवान ने बताया कि उन्होंने अपने घर की छत पर सोलर सिस्टम लगवाया है। पहले घर की देखभाल के साथ-साथ बिजली बिल और अन्य खर्चों को लेकर हमेशा चिंता बनी रहती थी, लेकिन सोलर पैनल लगने के बाद यह चिंता समाप्त हो गई है। पहले बिजली बिल काफी अधिक आता था, वहीं अब हर महीने लगभग 2 से 3 हजार रुपये की बचत हो रही है। उनके अनुसार यह योजना हर परिवार के लिए वरदान है और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इसी तरह ग्राम खैरा निवासी कविता साहू ने बताया कि पंजीकृत वेंडर द्वारा सोलर सिस्टम लगाए जाने के कुछ महीनों बाद ही उनका बिजली बिल पूरी तरह शून्य हो गया है। अब बिजली को लेकर किसी प्रकार की चिंता नहीं रहती, बल्कि अतिरिक्त बिजली के बदले क्रेडिट यूनिट का लाभ भी मिल रहा है। वे कहती है कि सोलर योजना से घर की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और यह योजना आम परिवारों के लिए बेहद लाभकारी है। ऐसे ही जिले के अन्य उपभोक्ताओं ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में सार्थक पहल बताया। उन्होंने बताया कि इससे न केवल लोगों को आर्थिक राहत और आत्मनिर्भरता मिल रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ा योगदान हो रहा है।