CG : बकरे की बलि के बाद 400 ग्रामीणों ने खाया मांस, रैबीज संक्रमित कुत्ते ने काटा था, अब मचा हड़कंप
सरगुजा। जिला मुख्यालय अंबिकापुर शहर से सटे ग्राम सरगंवा में आयोजित पूजा के दौरान रैबीज संक्रमित कुत्ते द्वारा काटे गए बकरे की बलि दे दी गई और बकरे का मांस करीब 400 गांववालों ने खा लिया। अब ग्रामीण रैबीज फैलने की आशंका से सहमे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी मिली तो गांव में कैंप लगाने का निर्देश दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, सरगवां में 3 सालों में निकाली पूजा (स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा) का आयोजन किया जाता हैं। इसमें बकरे की बलि देने की परंपरा है। इस वर्ष यह आयोजन 28 दिसंबर को किया गया था। निकाली पूजा के दौरान कुल 12 से 15 बकरे काटे गए। बकरों के मांस का बंटवारा किया गया, जिसे करीब 400 ग्रामीणों ने खाया था।
रैबीज संक्रमित कुत्ते ने बकरे को काटा था
जिन बकरों की बलि दी गई उनमें एक ऐसे बकरे की भी बलि दे दी गई जिसे पागल कुत्ते ने काटा था। आरोप है कि सरपंच नारायण प्रसाद और उपसरपंच कृष्णा सिंह ने गांव के ही नान्हू राजवाड़े नामक ग्रामीण से बकरा खरीदा था। बकरे को रैबीज संक्रमित कुत्ते ने काट लिया था। इसके बाद उसकी बलि चढ़ाकर मांस बांट दिया गया।
घटना की जानकारी मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों में रैबीज संक्रमण का खौफ फैल गया है। निकाली पूजा में मांस का प्रसाद सिर्फ पुरूषों को खाने की परंपरा है। इस कारण बकरे का मांस भी सिर्फ गांव के पुरूष सदस्यों ने ही खाया है।
सरपंच और उप सरपंच ने ग्रामीणों के संदेह को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को माले की जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में कैंप लगाकर इलाज का आश्वासन दिया है।
रैबीज फैलने की आशंका नहीं - डॉक्टर
पशु चिकित्सक डा. चंदू मिश्रा ने कहा कि रैबीज जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह मुख्यतः किसी रैबीज संक्रमित जानवर द्वारा इंसानों को काटने के मामले में लार से फैलता है। यदि किसी बकरे को रैबीज संक्रमित कुत्ते ने काटा था और उसका मांस ग्रामीणों ने पकाकर खाया है तो रैबीज फैलने की आशंका नहीं है। सामान्यतः बकरे का मांस उच्च तापमान में पकाया जाता है, जिसमें रैबीज वायरस जिंदा नहीं रहते। ऐहतियात के तौर पर ग्रामीणों की जांच की जानी चाहिए।
गांव में कल लगाया जाएगा कैंप
मामले की जानकारी जिला प्रशासन को लगी तो स्वास्थ्य विभाग को कैंप लगाने के निर्देश दिए गए हैं। CMHO डा.पीएस मार्को ने बताया कि पंचायत के सरपंच, उपसरपंच व ग्रामीण मिलने आए थे। उनकी मुलाकात डा. जेके रेलवानी से हुई है। ग्रामीणों के स्वास्थ्य को देखते हुए गांव में कैंप लगाने का निर्देश है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 31 दिसंबर 2025 को कैंप लगाया जाएगा।