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4 जलाशयों की प्यास बुझी, 10 अभी भी प्यासे : किसानों को जलाशयों से पानी लेने की नहीं आई है नौबत.

सरायपाली. जल संसाधन उपसंभाग के अंतर्गत 14 जलाशय आते हैं, जिसमें 4 जलाशयों में 100 प्रतिशत जल भराव हो चुका है. जबकि 4 में जल भराव पूर्णता की ओर हैं. वहीं 3 जलाशयों में अन्य सभी जलाशयों की अपेक्षा मात्र 25 प्रतिशत ही जलभराव हुआ है.

विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जलाशयों के जलभराव में काफी सुधार हुआ है और अभी तक किसानों द्वारा सिंचाई हेतु जलाशयों से पानी की मांग भी नहीं की गई है. पर्याप्त वर्षा के कारण अब तक जलाशयों के गेट नहीं खुले हैं. केवल उलट पानी ही जलाशयों से निकल रही है.

जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी अनुसार सरायपाली में 14 जलाशय हैं, जिसमें से सिंघोड़ा जलाशय, घोरघाटी, कालीदरहा, घुराऊ जलाशय में जल भराव पूर्ण रूप से हो चुका है, जहां पर उलट भी शुरू हो गया है. जबकि कोसमपाली जलाशय, छिर्रापाली जलाशय, सिंगबहाल जलाशय, महलपारा जलाशय में 80 प्रतिशत से अधिक जल भराव हो गया है. वहीं पैकिन, राजाडीह, थीपापाली, बंदलीमाल, लमकेनी, मोखापुटका जलाशय में विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष सुधार हुआ है.

विगत वर्ष दो जलाशय सिंगबहाल एवं घोरघाटी जलाशय में ही 100 प्रतिशत जलभराव हुआ था. जबकि कालीदरहा जलाशय भी पूर्ण रूप से विगत वर्ष नहीं भरा था. सबसे न्यूनतम लमकेनी जलाशय में 6 प्रतिशत जलभराव का रिकार्ड दर्ज किया गया था. जबकि इस वर्ष लमकेनी जलाशय में भी 20 प्रतिशत जलभराव का रिकार्ड दर्ज किया गया है.

14 जलाशयों में से सिंगबहाल जलाशय में सबसे अधिक जलभराव क्षमता 6.052 मिलियन क्यूबिक मीटर है. जबकि दूसरे नंबर पर लमकेनी जलाशय है, जिसकी क्षमता 4.785 मिलियन क्यूबिक मीटर है. इस वर्ष 4 जलाशयों की प्यास बुझ चुकी है, जबकि 10 जलाशय अभी भी प्यासे हैं. अब तक इस वर्ष 825.3 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है.

इसी तरह मौसम बना रहा तो और कई जलाशयों में जल भराव की क्षमता पूर्ण हो जाएगी. मात्र 3 जलाशय बंदलीमाल, लमकेनी एवं राजाडीह ही ऐसे हैं, जहाँ 100 प्रतिशत जल भराव की उम्मीद नहीं की जा सकती.


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