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सारंगढ़ मनरेगा श्रमिको को कार्यस्थल में ही भुगतान

जगन्नाथ बैरागी. जिले में कोरोना पॉजिटिव प्रकरण बढ़ने के कारण जिला मुख्यालय के साथ-साथ गांवों में भी फिर लॉकडाउन जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। ऐसे स्थिति में जिला पंचायत के सीईओ ऋचा चौधरी के मार्गदर्शन में बीसी सखियों के माध्यम से मनरेगा कार्यस्थल पर ही नगद मजदूरी देने का कार्य जिले के सारंगढ़ में शुरू किया गया है। इससे पहले मनरेगा के श्रमिकों को अपने खाते से मजदूरी की राशि निकालने के लिए अपना कार्य छोड़कर बैंक जाने में पूरे एक कार्य दिवस का नुकसान उठाना पड़ता था।

साथ ही आने-जाने में परिवहन तथा भोजन, नाश्ते का खर्च करने के साथ मानसिक परेशानी भी उठानी पड़ती थी, लेकिन अब सारंंगढ़ में बीसी सखी के द्वारा उन्हें कार्यस्थल में ही यह सुविधा दिए जाने से मनरेगा मजदूरों को तिहरा लाभ मिलने लगा है। कार्यस्थल पर ही मनरेगा की मजदूरी राशि मिल जाने से उनके समय, पैसे का खर्च और परेशानी तीनों से बचत हो रहा है। सारंंगढ़ के सभी पंचायतो में लेन-देन को सहज और सरल बना रही बीसी सखियां अब मनरेगा के कार्यस्थल पर ही मजदूरी का नकद भुगतान शुरू किया गया है।इसकी शुरुआत ग्राम छिंद, से की गई है, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है।

सीईओ जनपद पंचायत अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मनरेेगा के श्रमिकों को अब कार्यस्थल पर ही मजदूरी मिलने से उनके चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान बीसी सखियों के द्वारा ग्राम छिंद के मनरेगा श्रमिको को मजदूरी भुकतान किया गया     उन्होंंने कहा कि जनपद क्षेत्र केे सुदूर ग्रामीण ऐरिया     कठिन समस्या के रूप में बनी हुई थी। जिसका निदान अब बीसी सखी के रूप में सारंगढ़ में स्थापित हो रहा है।बताया कि आज 28 मई को छिंद में मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण कार्य मे लगे श्रमिको को कार्यस्थल पर बीसी सखी केे द्वारा कार्यस्थल पर जाकर मजदूरों को नगद भुगतान किया गया।




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