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बरमकेला और सारंगढ़ में पटवारियों व समितियों के चक्कर काटने किसान मजबूर..जानिए क्या कहते हैं अधिकारी...

जिला प्रशासन के आदेशानुसार बरमकेला ब्लॉक में खरीफ धान खरीदी पूर्व, किसानों का पंजीयन कार्य 17 अगस्त से प्रारंभ हो गया है। परंतु, पंजीयन प्रारंभ होने के लगभग 70 दिन बीत जाने के बाद भी राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा पूर्व में पंजीकृत किसानों का रकबा सत्यापित कर नहीं दिया गया है।

जिसकी वजह से बरमकेला ब्लॉक में किसानों का पंजीयन पिछड़ता जा रहा है। इस वर्ष खरीफ धान के लिए किसानों के पंजीयन की अंतिम तिथि 10 नवम्बर है। परंतु, बरमकेला ब्लॉक में किसानों के पंजीयन की बेहद धीमी रफ्तार से हजारों किसान चिंतित होकर पटवारियों तथा समितियों के कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। पंजीयन ना होने की वजह से किसानों को धान कटाई के पूर्व ही इस वर्ष अपने धान को समर्थन मूल्य में बेचने की चिंता सताने लगी है।

जानकारी के अनुसार किसानों के पंजीयन में गिरदावरी की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है,तथा इस कार्य को पटवारी द्वारा किया जाता है। राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा गिरदावरी में लेट लतीफी किए जाने तथा भुइंया पोर्टल में अपडेट ना करने की वजह से किसान बेहद हलाकान हैं, तथा पंजीयन की अंतिम तिथि मात्र दो दिन शेष है। किसानों की मांगें भी पंजीयन तिथि बढ़ाने की आ रही है।

क्या कहते हैं तहसीलदार:-

तहसीलदार बरमकेला का कहना है कि पटवारीयो ने बरमकेला के सांस्कृतिक भवन में टीम बनाकर बैठाया गया है,जो लगातार पंजीयन कार्य में जुटे हैं।

बरमकेला ब्लॉक में लगभग 95

प्रतिशत किसानों का धान पंजीयन कार्य पूर्ण हो चुका है, जो बचे शेष पंजीयन के लिए पंजीयन तिथि दो दिन शेष है जो कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा।




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