news-details

क्या हैं मानसिक बीमारी के लक्षण? क्या आप इसके शिकार तो नहीं?

मानव दिमाग असीमित है, यह बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है की कई खोज के बाद आज भी मानव दिमाग पर शोध हो ही रहे है, हम खुद भी यह देख सकते है की हमारी दुनिया की मुलभुत विकास आज कहा से कहा पहुंच गयी है, इंसानी दिमाग जितना खूबसूरत चीजे बना सकता है उतने ही खतरनाक चीजे भी रच सकता है चाहो तो बर्बादी या आबादी, खैर कई अपराध या कहे कई प्रकार की विकृत अपराध ,

दिल दहला देने वाली घटना से हमारा हृदय विदारक होता है, मन दुखी हो जाता है , हो सकता है आपके आसपास या आप धीरे धीरे एक मानसिक स्थिति से गुजर रहे हो और उस पर आपका कोई कण्ट्रोल ना हो, ऐसे में हमें जानना जरुरी है व जागरूक बने रहना जरुरी है ताकि हम खुद की और अपने आसपास के लोगो की मदद कर सके याद रखे इंसान ही इंसान की मदद करता है वा आजकल इस आधुनिक जमाने में इंसानियत खोता हुआ इंसान क्या सही जमाने के साथ चल रहा है ?

मानसिक रोग को लेकर लोगों में काफी सारी गलतधारणाएं हैं। उनकी नज़र में यह केवल मन का वहम या अंधविश्वास है, जिसके लिए किसी तरह के इलाज की ज़रूरत नहीं है।  उनकी इसी धारणा का शिकार मानसिक रोगियों को होना पड़ता है।  वे चाहते हुए भी इस पर बात नहीं कर पाते हैं और मानसिक रोग समय के साथ गंभीर रूप ले लेता है। ऐसे में यह जरूरी है कि लोगों की इस धारणा को बदला जाए और मानसिक रोग की पूर्ण जानकारी प्राप्त की जाए।

यदि आप भी मानसिक रोग के बारे में अधिक नहीं जानते हैं कि आपको इस लेख को ज़रूर पढ़ना चाहिए ताकि आप इसके लक्षणों, कारणों को पहचान सकें और इसका सही इलाज करा सकें।

मानसिक रोग को मनोविकार या मानसिक स्वास्थ विकार इत्यादि के नामों से भी जाना जाता है। मानसिक रोग की स्थिति में व्यक्ति की मनोदशा, यादाशत, स्वभाव इत्यादि की प्रक्रिया पर असर पड़ता है और व्यक्ति का अपने भावो इत्यादि पर कोई काबू नहीं रहता है। 

अगर आपको याद नहीं कि आप आखिरी बार खुश कब थे. बिस्तर से उठने या नहाने जैसी डेली रुटीन की चीजें भी आपको टास्क लगती हैं. आप लोगों से कटने लगे हैं. आप खुद से नफरत करते हैं और अपने आप को खत्म कर लेना चाहते हैं.

मानसिक रोग मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार हैं-

  • अवसाद (डिप्रेशन)- मानसिक रोग का सबसे साधारण प्रकार अवसाद या डिप्रेशन है। आमतौर पर, इसकी शुरूआत तनाव से होती है, जो कुछ समय के बाद अवसाद का रूप ले लेती है।

  • भूलने की बीमारी- हम सभी के लिए सभी बातों को याद रखना काफी मुश्किल होता है। यह एक आम चीज़ है क्योंकि कुछ चीज़े भूलने लायक ही होती हैं। मगर, कुछ लोगों में ऐसा देखा जाता है कि वे कुछ देर पहले हुई चीजों को भूल जाते हैं। दरअसल, यह एक मानसिक रोग है, जिसे भूलने की बीमारी या अल्जाइमर के नाम से जाना जाता है।

  • पार्किसन- मानसिक रोग का अन्य प्रकार पार्किसन है, जिसे मास्तिष्क की नसों से जोड़कर देखा जाता है। जब किसी व्यक्ति के मस्तिष्क की कोई नस दब जाती है तो उसे मेडिकल भाषा में पार्किसन कहा जाता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को सामान्य काम जैसे गिलास या कप को एक हाथ से उठाना, सुई में धागा डालना इत्यादि कामों को करने में परेशानी होती है।

  • फोबिया- मानसिक रोग का अन्य प्रकार फोबिया है, जिसे ज्यादातर लोग डर से जोड़कर देखते हैं।  मगर उनका ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है क्योंकि फोबिया और डर में काफी अंतर है।

  • जहां, एक ओर डर एक सामान्य चीज़ होती है, जो समय के साथ स्वंय ही ठीक हो जाती है, वहीं दूसरी ओर, फोबिया को काफी गंभीर समस्या के रूप में देखा जाता है, जिसके लिए मेडिकल इलाज की ज़रूरत पड़ती है।

  • ए.डी.एच.डी- मानसिक रोग बच्चों में भी देखने को मिलते हैं, जिनमें से सबसे आम ए.डी.एच.डी (अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर) है। आम भाषा में इसे ध्यान न दे पाने का रोग किया जाता है, जो कुछ पढ़ने के दौरान बच्चों में देखने को मिलता है। हालांकि, इसका इलाज संभव है, बेशर्त इसे गंभीरता से लिया जाए तो इसकी जांच डॉक्टर से कराई जाए।

  • उदास रहना- मानसिक रोग का सामान्य लक्षण उदास रहना है। यदि आपकी जान-पहचान में कोई व्यक्ति काफी उदास रहता है, तो उससे बात करें क्योंकि हो सकता है कि वह किसी मानसिक रोग का शिकार हो।

  • दोस्तों, परिवार इत्यादि से अलग रहना- यदि कोई व्यक्ति अपने दोस्तों, परिवार इत्यादि से अलग रहता है, तो हो सकता है यह मानसिक रोग का लक्षण हो। ऐसे व्यक्ति को जल्द-से-जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए और अपना इलाज शुरू कराना चाहिए।

  • मूड का बार-बार बदलना- हालांकि, गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) या मासिक धर्म में मूड का बदलना स्वाभाविक चीज़ है, जो कुछ समय के बाद स्वयं ठीक हो जाती है। मगर, जब यह समस्या काफी बार होने लगती है, तो यह मानसिक रोग हो सकता है, जिसकी जांच कराना आवश्यक बन जाता है।

  • असामान्य बर्ताव करना- मानसिक रोग का अन्य लक्षण असामान्य बर्ताव करना है। कुछ लोग अचानक से गुस्सा या हँसने लग जाते हैं, तो ऐसा बर्ताव मानसिक रोग का संकेत होता है, जिसे बिल्कुल नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

  • घबराहट या डर लगना- अक्सर, ऐसा देखा जाता है कि कुछ लोग लोगों के सामने अपनी बात रखने में काफी घबराते या डरते हैं। हालांकि, यह समस्या समय के साथ ठीक हो जाती है, लेकिन समय के साथ इस घबराहट या डर में सुधार नहीं होता है तो यह मानसिक रोग हो सकता है।

मानसिक रोग के कारण क्या हैं?

मानसिक रोग के कोई सटीक कारण नहीं होता है, इसलिए यह कहना काफी मुश्किल है कि मानसिक रोग किस वजह से होता है या हो सकता है।  लेकिन, इसके बावजूद मानोविकार पर किए गए काफी सारे अध्ययनों से यह पुष्टि हुई है कि मानसिक रोग मुख्य रूप से इन 5 कारणों से हो सकते हैं-

  • पारिवारिक माहौल का सही न होना- ऐसा माना जाता है कि अगर किसी घर में हर रोज़ लड़ाई- जगड़े होते हैं, तो इसका असर बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। इसकी वजह से वे मानसिक रोग से शिकार हो जाते हैं, जिसके लिए मनौविज्ञानिक सहायता की ज़रूरत पड़ती है।

  • सिर पर चोट लगना- मानसिक रोग होने की संभावना उस स्थिति में भी काफी अधिक रहती है, जब किसी व्यक्ति के सिर पर चोट लग जाती है। इसी कारण, लोगो को दो पहिया वाहन चलाते समय या फिर किसी खेल जैसे क्रिकेट खेलते समय हेलमेट पहनने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस दौरान सिर पर चोट लगने का खतरा रहता है।

  • बचपन में किसी दुर्घटना का होना- जब किसी बच्चे के साथ कोई दुर्घटना जैसे मां- बाप का देहांत होना, किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाना, किसी कक्षा में फेल हो जाना इत्यादि हो जाती है, तो इसका असर उसके दिमाग पर काफी गहरा होता है और वह मानसिक रोग का शिकार बन जाता है।

  • अपौष्टिक भोजन करना- हो सकता है कि कुछ लोग इस बात पर विश्वास न हो कि मानसिक रोग अपौष्टिक भोजन से भी हो सकता है। मगर, ऐसे मामले देखने को मिलते हैं, जिनमें निरंतर अपौष्टिक भोजन करने वाला व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार बन जाता है।

  • नशीले पदार्थों का सेवन करना- यदि कोई व्यक्ति नशीले पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करता है, तो उसका असर केवल उसकी शारीरिक सेहत पर ही नहीं पड़ता है बल्कि यह उसकी मानसिक स्वास्थ को भी खराब करता है। इसके परिणामस्वरूप, उसका दिमाग सही तरीके से काम नहीं कर पाता है और जल्द ही मानसिक रोग का शिकार बन जाता है।

मानसिक रोग का इलाज कैसे किया जा सकता है?

मानसिक रोग से पीड़ित लोग निम्नलिखित तरीकों से मानसिक रोग से निजात पा सकते हैं-

  • योगा करना- मानसिक रोगी के लिए योगा करना (विशेष कर ध्यान लगाना) काफी लाभदायक साबित होता है क्योंकि उसके दिमाग को शांत करता है और उसे ऊर्जा पहुँचाता है, जिससे वह मानसिक रोग से ठीक हो जाता है।

  • मनोवैज्ञानिक के पास जाना- योगा करने के अलावा मनोवैज्ञानिक के पास मानसिक रोग का इलाज करने का बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। मनोवैज्ञानिक मानसिक रोगी के मस्तिष्क की स्थिति की जांच करता है और उसके अनुसार मानसिक रोग का इलाज करता है।

  • दवाई लेना- मानसिक रोग का इलाज दवाइयों के द्वारा भी संभव है।  ये दवाइयां मानसिक रोग को रोकने और मानसिक रोगी को ठीक होने में सहायक होती हैं।
  • फिजियोथेरेपी लेना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि मानसिक रोग कई तरह के होते हैं, इसी कारण उनका इलाज भी अलग-अलग तरह के होते हैं। अक्सर, मनोवैज्ञानिक मानसिक रोगी को फिजियोथेरेपी लेने की भी सलाह देते हैं क्योंकि उनके मानसिक रोग में दवाई या योगा इत्यादि कारगर साबित नहीं होते हैं।

  • नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती होना- मानसिक रोग का मुख्य कारण नशीले पदार्थ की लत भी है। ऐसी स्थिति में, मानसिक रोग का इलाज नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करके भी किया जा सकता है।




अन्य सम्बंधित खबरें